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New Delhi: रेलवे में महिला की नहीं, ये एक पुरुष की आवाज

Tara Tandi
16 Dec 2024 11:01 AM GMT
New Delhi: रेलवे में महिला की नहीं, ये एक पुरुष की आवाज
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New Delhi नई दिल्ली : भारतीय रेलवे का इस्तेमाल हम अक्सर अपने यात्रा को मजेदार, सुलभ और आसान बनाने के लिए करते है। हम अपने सफर की शुरुआत के लिए सबसे पहले स्टेशन पर जाते है, जहां हम अनाउंसमेंट सुनते हैं । ये अनाउंसमेंट अलग-अलग कारणों से हो सकता है । हालांकि, सबसे ज्यादा इसका उपयोग यात्रियों को ट्रेन से जुड़ी हुई जानकारी उपलब्ध कराने के लिए की जाती है । इसी अनाउंसमेंट के जरिए हमें पता चलता है कि ट्रेन किस प्लेटफॉर्म पर और कब आएगी। हालांकि, अनाउंसमेंट्स के दौरान अक्सर एक महिला की मधुर और स्पष्ट आवाज सुनाई देती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आवाज असल में एक पुरुष की है? यह आवाज है श्रवण अदोडे की, जिनका नाम अब रेलवे अनाउंसमेंट की दुनिया में जाना जाता है। चलिए जानते है इस खबर को विस्तार से…
दरअसल, श्रवण की यात्रा एक संयोग से शुरू हुई। महाराष्ट्र के परली स्टेशन पर एक दिन तकनीकी समस्या के कारण स्वचालित अनाउंसमेंट सिस्टम में गड़बड़ी हो गई। इस समस्या के कारण अनाउंसमेंट की जिम्मेदारी किसी कर्मचारी को दी जानी थी। उस समय श्रवण को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। इस दौरान, श्रवण ने महिला की आवाज की नकल करने का फैसला किया, जो आमतौर पर रेलवे अनाउंसमेंट्स में सुनाई देती थी। श्रवण ने महिला की आवाज की नकल इतनी अच्छे से की कि उनकी आवाज उसी महिला की आवाज से मेल खाने लगी, जो पहले अनाउंसमेंट करती थी। इस सफलता के बाद उनका काम बदल गया और अब वह रेलवे स्टेशनों पर महिलाओं की आवाज में अनाउंसमेंट करने लगे।
पूरे देश में श्रवण की आवाज की गूंज
आज, श्रवण की आवाज देश भर के रेलवे स्टेशनों पर सुनाई देती है। उनका काम विशेष रूप से यात्रियों को ट्रेन के आगमन, प्लेटफॉर्म, देरी या कैंसिलेशन से जुड़ी जानकारी देने के लिए होता है। इन अनाउंसमेंट्स के लिए उनकी रिकॉर्डिंग को डिजिटल तरीके से मिक्स किया जाता है, ताकि अलग-अलग घोषणाओं के लिए अलग-अलग आवाजें बनाई जा सकें। मुंबई के मध्य रेलवे मुख्यालय के सीनियर अनाउंसर भी उनकी आवाज को सराहते हैं और इसे बहुत प्रभावी मानते हैं। उनकी आवाज अब रेलवे स्टेशन पर अनाउंसमेंट्स का अहम हिस्सा बन चुकी है।


कॉलेज के दिनों में मजाक उड़ाया गया
आपको बता दें कि श्रवण अदोडे सिर्फ रेलवे अनाउंसर नहीं हैं, बल्कि वह एक वॉयस आर्टिस्ट, युगल गायक और अभिनेता भी हैं। उन्होंने फिल्मों और धारावाहिकों में भी अभिनय किया है। उनका जन्म और पालन-पोषण वैद्यनाथ कॉलेज से हुआ, और उन्होंने बीएचईएल सेकेंडरी स्कूल से अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की। हालांकि, अपनी पहचान बनाने की राह उनके लिए आसान नहीं थी। श्रवण के कॉलेज के दिनों में उनकी आवाज का मजाक उड़ाया जाता था। उनके सहपाठी उन्हें अजीब नामों से बुलाते थे और उनका मजाक उड़ाते थे। हालांकि, श्रवण ने इस नकारात्मकता को नजरअंदाज किया और खुद पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कभी अपनी आवाज को अपने रास्ते की रुकावट नहीं बनने दिया और आज वह पूरी दुनिया में अपनी आवाज के लिए प्रसिद्ध हैं।
लाखों यात्रियों का मार्गदर्शन
श्रवण आज भारतीय रेलवे के अनाउंसमेंट्स का अहम हिस्सा हैं। उनकी आवाज अब लाखों यात्रियों को सही दिशा में मार्गदर्शन करती है। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को ट्रेन की जानकारी देने का उनका तरीका इतना प्रभावशाली है कि उनकी आवाज अब किसी भी यात्रा का अहम हिस्सा बन गई है। श्रवण अदोडे की कहानी हमें यह सिखाती है कि मुश्किलों और नकारात्मकता के बावजूद अगर आप मेहनत और आत्मविश्वास से काम करें, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। आज उनकी आवाज भारतीय रेलवे में एक पहचान बन चुकी है, और वह देशभर में लाखों यात्रियों की मदद करते हैं।
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