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New Delhi: ईडब्ल्यूएस में दाखिले के लिए आवेदन तीन फरवरी से
नई दिल्ली: निजी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के तहत नर्सरी, केजी व पहली कक्षा में दाखिले के लिए आर्थिक पिछड़े वर्ग, वंचित वर्ग व दिव्यांग श्रेणी की 25 फीसदी सीटों के लिए दाखिला प्रक्रिया की घोषणा हो गई है।
दाखिले के लिए आवेदन तीन फरवरी से किया जा सकेगा जबकि आवेदन करने की अंतिम तिथि 19 फरवरी है। बच्चों को स्कूल आवंटन के लिए पहली कंप्यूटराइज्ड ड्रा पांच मार्च को किया जाएगा। दस्तावेजों की छंटनी और दाखिले की तारीख ड्रा के बाद जारी की जाएगी।
शिक्षा निदेशालय ने आर्थिक पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस), वंचित वर्ग (डीजी) व सीडब्ल्यूएसएन (विशेष जरूरत वाले बच्चे) के लिए लंबे इंतजार के बाद दाखिला प्रक्रिया व दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। 25 फीसदी सीट के भीतर तीन फीसदी सीटें विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिए होंगी। निजी स्कूलों में इन कक्षाओं की चालीस हजार से अधिक सीटों पर शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट ६६६.ी४िीि’.ल्ल्रू.्रल्ल से आॅनलाइन आवेदन किया जा सकेगा।
शिक्षा निदेशालय ने इन तीनों वर्गों की सीटों पर दाखिले के लिए जारी दिशा-निदेर्शों में स्पष्ट किया है कि दाखिले के लिए लॉटरी में सफल होने के बाद पिता-कानूनी अभिभावक का आधार नंबर जमा करना अनिवार्य है, जबकि बच्चे का आधार नंबर जरूरी नहीं है।
एक मोबाइल नंबर का उपयोग करके केवल एक ही पंजीकरण किया जा सकता है। आवेदन-दाखिला प्रक्रिया से संंबंधी सभी संचार इसी नंबर के माध्यम से किए जाएंगे। एक आवेदक द्वारा एक ही आवेदन को स्वीकार किया जाएगा। यदि किसी आवेदक की ओर से एक से अधिक आवेदन किए जाते हैं तो लॉटरी के बाद उसकी उम्मीदवारी रद की जा सकती है।
जिस बच्चे के माता-पिता की सभी स्रोतों से कुल वार्षिक आय पांच लाख रुपये से कम है वह ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत दाखिले का पात्र है। डीजी व दिव्यांग श्रेणी का लाभ लेने के लिए आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। सभी श्रेणियों में दाखिले के लिए अभिभावक का तीन वर्ष से दिल्ली का निवासी होना अनिवार्य है।
22 फीसदी सीटों पर दाखिला ले सकेंगे ईडब्ल्यूएस व अन्य श्रेणियों के बच्चे
ईडब्ल्यूएस के बच्चे, डीजी श्रेणी के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग (नॉन क्रीमी लेयर) अनाथ, ट्रांसजेंडर व एचआईवी प्रभावित बच्चों की 22 फीसदी सीटों पर दाखिला ले सकते हैं। वहीं अन्य तीन फीसदी सीटें दिव्यांग श्रेणी के बच्चों के लिए आरक्षित हैं। मालूम हो कि अभी 75 फीसदी (सामान्य श्रेणी) की सीटों पर दाखिला प्रक्रिया अभी जारी है। सामान्य श्रेणी के बच्चों के दाखिले के लिए पहली सूची 17 जनवरी को जारी होनी है।
पांच वर्ष होगी नर्सरी के लिए अधिकतम आयु सीमा
शिक्षा निदेशालय ने दिशा-निदेर्शों में स्पष्ट किया है कि ईडब्ल्यूएस व वंचित वर्ग के लिए नर्सरी में तीन से पांच वर्ष, प्री प्राइमरी यानी केजी के लिए चार से छह वर्ष और पहली कक्षा के लिए पांच से सात वर्ष आयु होनी चाहिए। जबकि दिव्यांग श्रेणी के लिए नर्सरी में दाखिले की आयुु सीमा तीन-सात वर्ष, केजी की चार-आठ वर्ष व पहली कक्षा में दाखिले के लिए आयु सीमा पांच-नौ वर्ष है।
गलत पता भरने पर आवेदन होगा रद्द
निदेशालय के अनुसार, यह देखा गया है कि अभिभावक पसंदीदा स्कूल में दाखिले के लिए जानबूझकर गलत इलाका या उप इलाका चुनकर हेरफेर करते हैं। ऐसे में आवासीय पत्ते के संबंध में विवरण भरने के संबंध में आॅनलाइन पंजीकरण फॉर्म में आवश्यक संशोधन किए गए हैं। आवासीय पते के तहत स्थानीय-क्षेत्र, उप स्थानीय, उप-उप स्थानीय में गांव, कॉलोनी, अपार्टमेंट, सेक्टर, पॉकेट, ब्लॉक, गली को भरना होगा। निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि गलत जानकारी देने पर बच्चे का आवेदन रद्द कर दिया जाएगा।
कैपिटेशन फीस नहीं वसूल सकते
कोई भी स्कूल बच्चे को दाखिला देते समय कोई कैपिटेशन शुल्क नहीं लेगा। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुमार्ना लगाया जाएगा। यह जुमार्ना कैपिटेशन फीस का 10 गुना होगा।