दिल्ली-एनसीआर

जल्द खुलेगा दिल्ली हवाईअड्डे टर्मिनल-1 पर नया आगमन हॉल, पीकअप के लिए तीन अतिरिक्त लेन बनाई गई

Renuka Sahu
8 Feb 2022 1:47 AM GMT
जल्द खुलेगा दिल्ली हवाईअड्डे टर्मिनल-1 पर नया आगमन हॉल, पीकअप के लिए तीन अतिरिक्त लेन बनाई गई
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फाइल फोटो 

दिल्ली हवाईअड्डे के टर्मिनल-1 पर नया आगमन हॉल बनकर तैयार है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली हवाईअड्डे के टर्मिनल-1 पर नया आगमन हॉल बनकर तैयार है। टर्मिनल परिसर के बाहर ट्रैफिक के लिए तीन अतिरिक्त लेन बनाई गई हैं। इसके अलावा चार नए बैगेज कन्वेयर बेल्ट समेत बैठने, खान-पान आदि की सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। इस हॉल को जल्द ही खोलने की तैयारी है।

दिल्ली हवाईअड्डे की संचालक कंपनी दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड (डायल) के मुताबिक, फिलहाल इसका परिचालन तत्परता और परीक्षण (ओआरएटी) किया जा रहा है। प्रक्रिया पूरी होते ही यह लोगों के उपयोग के लिए उपलब्ध होगा। दरअसल, दिल्ली हवाईअड्डे पर फेज 3ए का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके तहत टर्मिनल-1 के एक हिस्से पर नवनिर्माण किया गया है। अब इस हिस्से से यात्रियों की आवाजाही शुरू किए जाने की तैयारी है।
साथ ही अभी जहां से यात्री आ जा रहे हैं (टी1सी) उस इमारत को तोड़कर बनाया जाएगा। आठ हजार स्क्वेयर मीटर में फैले नए आगमन हॉल में लगे बैगेज कन्वेयर बेल्ट टर्मिनल-3 की तर्ज पर लगाई गई है। इसकी क्षमता पहले से अधिक है। यहां खड़े रहने के लिए अधिक स्थान है। वहीं, यात्रियों को लेने आने वाले पिकअप वाहनों के लिए सड़क को चौड़ा किया गया है। तीन अतिरिक्त लेन के साथ अब यहां वाहनों के लिए कुल 11 लेन होंगी, जिससे लोगों की आवाजाही आसान होगी।
पार्किंग क्षेत्र बढ़ा
नए आगमन हॉल में बैठने के लिए अतिरिक्त जगह बनाई गई हैं। फूड स्टॉल और कियोस्क लगाए गए हैं। इसके अलावा शौचालय, अलार्म सुविधा, टर्मिनल के अंदर पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी के साथ ही वीआईपी लाउंज बनाया गया है। ऐसे उपकरण लगाए गए हैं, जिनसे बिजली की खपत कम हो। बता दें कि टर्मिनल-1 पर हाल ही में विमान खड़े करने के लिए नए एप्रन बनाए गए थे।
यह भी जानें
टर्मिनल-1 में एलिवेटेड क्रॉस टैक्सी-वे और चौथा रनवे भी बनेगा। टैक्सी-वे से विमानों की आवाजाही आसान होगी। नया रनवे पुराने रनवे संख्या 11/29 के ठीक सामने 4,400 मीटर लंबा बनाया जा रहा है। इससे विमानों को कतार में उड़ान के लिए लगने की जरूरत नहीं होगी। अभी की तरह रनवे पर जगह न मिलने के कारण विमानों को हवा में समय गुजारने की जरूरत भी नहीं होगी।
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