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NCR Ghaziabad: जीडीए वैशाली में छोटे भूखंडों की नई योजना लाएगा

Admindelhi1
28 Jan 2025 8:28 AM GMT
NCR Ghaziabad: जीडीए वैशाली में छोटे भूखंडों की नई योजना लाएगा
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"5,200 वर्ग मीटर का लेआउट लगभग तैयार"

एनसीआर गाजियाबाद: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को वैशाली योजना में सर्वे के दौरान 16 हजार वर्ग मीटर जमीन खाली मिली थी। जिसमें 5,200 वर्ग मीटर जमीन वैशाली के सेक्टर तीन में है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण अब इस जमीन पर छोटे भूखंडों की नई योजना लाने की तैयारी में है। इसके लिए इस भूमि का ले आउट प्लान तैयार कराया जा रहा है।

1989 में आई थी जीडीए की वैशाली योजना: जीडीए की वैशाली योजना वर्ष 1989 में आई थी। जिसके तहत वैशाली को दिल्ली और नोएडा के बीच में बसाया गया था। जीडीए की वैशाली योजना को करीब 1,234 एकड़ जमीन पर लॉच किया गया था। जिसमें वैशाली में कई सेक्टर बनाए गए थे। जीडीए ने वैशाली योजना के अनुसार छोटे, बड़े और व्यावसायिक भूखंड निकाले थे। प्राधिकरण ने इस योजना में बहुमंजिला सोसाइटी तैयार करने के लिए कई ग्रुप हाउसिंग भूखंड भी सर्जित किए थे। साल 2000 के बाद यहां कई ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी बनकर तैयार हुईं। दिल्ली और नोएडा के पास यह योजना होने के कारण लोगों का रूझान यहां भूखंड और फ्लैट खरीदने में अधिक दिखाई दिया। देश की राजधानी दिल्ली से नजदीकी और नोएडा के पास होने के कारण वैशाली योजना में कुछ दिनों में जमीन और फ्लैट का भाव आसमान पर पहुंच गया।

जीडीए वीसी द्वारा करवाए गए लैंड आडिट में मिली भूमि: पिछले दिनों सभी योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने सभी योजनाओं का लैंड आडिट कराने का फैसला किया था। जिसके तहत वैशाली में भी सर्वे कराया गया। सर्वे के दौरान प्राधिकरण को कई स्थानों पर करीब 16 हजार वर्ग मीटर जमीन खाली मिली। प्राधिकरण को योजना के सेक्टर तीन में करीब 5,200 वर्ग मीटर जमीन भी मिली। अब इन सभी पर भूखंड निकालने की तैयारी है।

300 वर्ग मीटर से बड़े भूखंड लाने की योजना: जीडीए इस योजना में मिली जमीन का लेआउट तैयार करने में जुटा है। अधिकारी बताते हैं कि 5,200 वर्ग मीटर का लेआउट लगभग तैयार हो चुका है। इसमें 300 वर्ग मीटर से बड़े 16 से अधिक भूखंड लाने की योजना है। हालांकि इस लेआउट को पूरी तरह से फाइनल नहीं किया गया है। जीडीए वीसी अतुल वत्स ने बताया जीडीए ने वैशाली योजना में सर्वे कराया था। जिसमें कई जगह जमीन मिली है। अब इस जमीन का किस प्रकार से बेहतर उपयोग हो सकता है इसके लिए तैयारी की जा रही है। रिक्त जमीन का ले आउट तैयार कराया जा रहा है।

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