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NCR Faridabad: साइबर ठगो ने युवक को मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट किया
फरीदाबाद: सेक्टर-55 एरिया के रहने वाले युवक को डिजिटल अरेस्ट कर 3 लाख 46 हजार रुपये ठग लिए गए। आरोपी ने कूरियर कंपनी कर्मचारी बनकर बात की और कहा कि तुम्हारे नाम से बुक पार्सल में संदिग्ध सामान मिला है और उसे एयरपोर्ट पर सीज किया गया है। फिर कॉल को साइबर सेल को ट्रांसफर कर दिया गया तो पुलिसकर्मी बनकर ठगों ने वीडियो कॉल पर बात की और कई घंटों तक डिजिटल अरेस्ट रखा। आरोपियों ने मनी लॉन्ड्रिंग व हवाला के तहत केस दर्ज होने का डर दिखाकर रुपये ट्रांसफर करा लिए।
पुलिस को यह शिकायत सेक्टर-55 एरिया के रहने वाले मोहित ने दी है। इनका कहना है कि 6 दिसंबर को एक नंबर से उन्हें कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को कूरियर कंपनी का कर्मचारी बताते हुए कहा कि आपके नाम से बुक पार्सल को एयरपोर्ट पर पकड़ा गया है और उसमें कुछ प्रतिबंधित सामान मिला है। मोहित ने कहा कि उसने कोई पार्सल नहीं भेजा है। तब कंपनी कर्मचारी बोला कि आपके आधार कार्ड नंबर से ये बुक किया गया है। फिर उसने कॉल को साइबर सेल को ट्रांसफर कर दिया। वहां पुलिसकर्मी बनकर बात करने वाले ने कहा कि ये गंभीर मामला है और आपको एक जगह पर ही रुककर कोर्ट के लिए आॅफिशियल बयान देना होगा। आरोपी ने वीडियो कॉल पर संपर्क किया लेकिन उसकी वीडियो सही से नहीं चल रही थी। आरोप है कि पुलिसकर्मी बनकर बात कर रहा आरोपी मोहित को धमकाने लगा और कहा कि तुम मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हो।
आरोपी ने बैंक खातों की डिटेल ली और उनमें मौजूद राशि भी पूछी। फिर दो आॅप्शन दिए गए कि या तो सीबीआई की कस्टडी में जाना होगा या फिर घर पर ही डिजिटल अरेस्ट हो सकते हो। मोहित ने होम कस्टडी यानि डिजिटल अरेस्ट को चुना। इन्हें आॅफिस से तुरंत छुट्टी लेने को कहा गया और एक कमरे में बंद रहने को कहा गया। सीबीआई की ओर से जारी एक पत्र भी मोहित को भेजा गया जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग व हवाला के आरोपों को लेकर एफआईआर दर्ज होने के बारे लिखा था। आरोपियों ने कहा कि इनकी जानकारी किसी से भी साझा कि तो तुम्हारे घर आकर तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा। जिसे जानकारी दोगे, उसे भी गिरफ्तार कर लेंगे।
जांच में निर्दोष पाए जाने पर एनओसी जारी करने की बात आरोपियों ने कही। आरोप है कि कई घंटों तक चली वीडियो कॉल के दौरान 10 से 15 लोगों ने पुलिसकर्मी व अन्य अधिकारी बनकर मोहित से बात की। बैंक खातों में मौजूद 90 प्रतिशत राशि को जांच करने तक ट्रांसफर करने को कहा गया और इस तरह 3 लाख 46 हजार 6 रुपये अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करा लिए गए। बाद में कॉल कट की और न तो रुपये वापस मिले और न ही उन्होंने संपर्क किया। तब ठगी का अहसास हुआ और शिकायत पुलिस को दी गई। जिस पर अब साइबर क्राइम थाना एनआईटी पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। पुलिस प्रवक्ता यशपाल सिंह ने बताया कि आरोपियों के नंबरों व बैंक खातों की डिटेल के आधार पर टीम जांच कर रही है