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एनसीआर के डॉक्टरों का कहना है कि खांसी और जुकाम के मामलों में 40% की बढ़ोतरी हुई

Deepa Sahu
12 March 2023 12:07 PM GMT
एनसीआर के डॉक्टरों का कहना है कि खांसी और जुकाम के मामलों में 40% की बढ़ोतरी हुई
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नोएडा : यहां खांसी-जुकाम के मामले पिछले कुछ महीनों में करीब 40 फीसदी बढ़ गए हैं. नोएडा स्वास्थ्य विभाग ने पिछले तीन हफ्तों में 3,500 रोगियों पर एक अध्ययन किया, जिसमें 660 रोगियों में कोविड जैसे लक्षण दिखाई दिए। हालांकि, किसी भी मरीज में एंटीजन टेस्ट पर कोविड-19 की पुष्टि नहीं हुई।
विशेषज्ञों ने इसे तेजी से बढ़ते इन्फ्लूएंजा एच3एन2 से जोड़ा है। इन्फ्लूएंजा से बीमार व्यक्ति लगभग तीन दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन कम से कम 3-4 सप्ताह तक सर्दी और खांसी से पीड़ित रहता है।
आईएएनएस से बातचीत में सीनियर फिजिशियन और डायबेटोलॉजिस्ट डॉ. अमित कुमार ने बताया कि इन्फ्लुएंजा एच3एन2 और कोविड में बहुत अंतर है। उन्होंने कहा कि भले ही दोनों बीमारियों के लक्षण एक जैसे हों, लेकिन कोविड-19 फ्लू से ज्यादा आसानी से फैलता है।
उन्होंने बताया कि इन्फ्लुएंजा वायरल फीवर के अंतर्गत आता है और उनके पास आने वाले कई मरीज बुखार से पीड़ित होते हैं और ऐसे मरीजों में देखा जाने वाला दूसरा सामान्य लक्षण खांसी है। उन्होंने बताया कि 92 प्रतिशत मरीज बुखार से पीड़ित हैं, जबकि 86 प्रतिशत सर्दी से पीड़ित हैं और 16 प्रतिशत सांस की तकलीफ का अनुभव करते हैं।
कुमार ने कहा कि लक्षणों का निरीक्षण करने पर व्यक्ति को डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थिति तब घातक हो जाती है जब लोग सीधे स्थानीय केमिस्ट की दुकानों से दवाएं प्राप्त करते हैं, क्योंकि एंटीबायोटिक्स अधिक नुकसान करती हैं।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में एंटीबायोटिक्स की खुराक लेने से बचना चाहिए। कुमार ने कहा कि भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना चाहिए। खांसते और छींकते वक्त मुंह और नाक को पूरी तरह से ढक लेना चाहिए।
इसके साथ ही आंखों और नाक को बार-बार छूने से बचना चाहिए क्योंकि वायरस हाथों के जरिए शरीर में प्रवेश करता है।
उन्होंने कहा कि कोई भी दवा, यहां तक कि एंटीबायोटिक्स भी बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेनी चाहिए और दवाओं का सेवन करते समय विशेष ध्यान देना चाहिए।
चिकित्सकों के अनुसार वायरल संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है। जब इन्फ्लूएंजा से संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो इसकी बूंदें हवा में एक मीटर तक फैल सकती हैं और एक स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर सकती हैं। डॉक्टरों का मानना है कि भीड़भाड़ वाली जगहों पर इसके फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।

--आईएएनएस
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