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राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने नोएडा विकास प्राधिकरण और दिल्ली जल बोर्ड पर लगाया भारी जुर्माना
दिल्ली एनसीआर न्यूज़: पर्यावरण को लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने शनिवार को बड़ी कार्यवाही की है। एनजीटी (NGT) ने नोएडा विकास प्राधिकरण (Noida Development Authority) समेत दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) पर करोड़ों का जुर्माना (Fine) लगाया है। यह जुर्माना पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई के लिए लगाया गया है। नहरों और यमुना नदी में दूषित पानी के बहाव को रोकने के लिए दायर एक अर्जी पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने नोएडा विकास प्राधिकरण पर 100 करोड़ रुपये और दिल्ली जल बोर्ड पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। पर्यावरण को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए एनजीटी (NGT) ने विभागों पर यह जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही एनजीटी (NGT) ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को संबंधित एजेंसियों की भूमिका की जांच करने और वास्तविक जिम्मेदार और दोषियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देने के लिए भी तलब किया है। बता दें साल 2018 में याचिकाकर्ता अभिष्ट कुसुम गुप्ता ने एक अर्जी दाखिल की थी।
याचिका में नोएडा विकास प्राधिकरण और दिल्ली जल बोर्ड व अन्य एजेंसियों को औद्योगिक क्षेत्रों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों से यमुना और गंगा (Yamuna and Ganga) में सिंचाई नहरों के साथ प्रदूषित पानी के डंपिंग को रोकने में विफल रहने के लिए दोषी ठहराया था। याचिका के अनुसार 215 एमएलडी दूषित पानी विभिन्न स्रोतों से नोएडा सेक्टर-11, 137, 51, 52, 49, 168 से निकलकर सीवर ड्रेनेज के जरिए सबसे पहले यमुना और गंगा नदी में पहुंचता है। याचिकाकर्ता ने एनजीटी को बताया कि 21 किलोमीटर के आसपास के क्षेत्र में 5 लाख की आबादी को नहर और यमुना में अपशिष्ट जल के निर्वहन के कारण वायु और जल प्रदूषण के कारण गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। स्वच्छ जल के लिए बायो-ऑक्सीजन डिमांड (Bio-Oxygen Demand) भी निर्धारित मानकों से कई गुना अधिक है। नोएडा प्राधिकरण (Noida Development Authority) के 30 नालों, दिल्ली जल बोर्ड के तीन और खोड़ा विकास परिषद के एक नाले से बहने वाला दूषित पानी पिछले कई सालों से गंभीर समस्या बना हुआ है. इस पर अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी।