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एनजीओ के माध्यम से दिल्ली नगर निगम स्कूल के बच्चों के सीखने के स्तर को मजबूत करेंगे

Admin Delhi 1
10 Aug 2022 5:34 AM GMT
एनजीओ के माध्यम से दिल्ली नगर निगम स्कूल के बच्चों के सीखने के स्तर को मजबूत करेंगे
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दिल्ली न्यूज़: दिल्ली नगर निगम अपने प्राथमिक विद्यालयों में पढऩे वाले बच्चों के शिक्षा स्तर को सुधार करने के लिए नित नए प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में निगम शिक्षा विभाग ने निम्न वर्ग से आने वाले बच्चों को निजी स्कूल की तरह शिक्षित करने व शुरू से ही उनके सीखने के स्तर को मजबूत करने के लिए गैरसरकारी संगठनों (एनजीओ) से सहयोग मांगा है। निगम का मानना है कि एनजीओ के माध्यम से बच्चों के सीखने के स्तर को मजबूत होंगे तथा उनमें सामुदायिक जुड़ाव बढ़ेगा। दरअसल निगम विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। इस कारण निगम शिक्षा विभाग ने एनजीओ से सहयोग लेने का निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग ने हाल ही में एक एनजीओ प्रथम दिल्ली एजुकेशन ट्रस्ट को पत्र लिखकर 45 निगम स्कूलों के नर्सरी कक्षाएं चलाने के लिए उनसे वालंटियर उपलब्ध कराने की सहायता मांगी है। ताकि बच्चों के संज्ञानात्मक, शारीरिक, सामाजिक भावनात्मक और भाषा कौशल के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाए। प्रथम से अगले तीन साल के लिए यह सहयोग करने को कहा गया है। निगम शिक्षा विभाग ने इसके अलावा 70 निगम विद्यालयों के कक्षा पहली व दूसरी के बच्चों शिक्षा स्तर सुधारने व संख्यात्मकता गतिविधि को मजबूत करने के लिए प्रस्ताव किया है।

इस शिक्षा गतिविधियों के अलावा निगम ने पुस्तकालय गतिविधियों का संचालन स्कूल समय सारिणी के अनुसार करेगी। साथ ही एक भौतिक पुस्तकालय स्थापित करने के लिए स्कूल द्वारा एक पुस्तकालय कक्ष आवंटित किया जाएगा जहां कक्षा पहली से पांचवी तक के बच्चों के लिए शिक्षण और सीखने की गतिविधियों और पुस्तकालय गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। दूसरी ओर निगम शिक्षा विभाग के इन गतिविधियों क मद्देनजर निगम शिक्षक संगठनों को निजीकरण का भय सता रहा है। उनका कहना है कि क्या शिक्षा विभाग को अपने स्कूलों में कार्यरत अधिकारियों, प्रधानचार्यों, मेंटर शिक्षकों और शिक्षकों पर भरोसा नहीं रहा या फिर निगम स्कूलों में निजी संस्थाओं को लाने की आहट है। बच्चों के स्तर को जांचने अधिकार केवल कक्षा अध्यापक का होता है। अब इस प्रकार के आदेशों से निगम स्कूलों में कोई भी एनजीओ या ट्रस्ट अपनी दखलंदाजी करेगी यह तो निजीकरण की कदम है।

शिक्षा निदेशक विकास त्रिपाठी का कहना है कि शिक्षकों की कमी को देखते हुए गर सरकारी संगठनों के वालंटियरों की मदद ली जा रही है। वे नि:श्वार्थ बच्चे को पढ़ा रहे हैं तथा उनके शिक्षा स्तर को सुधार रहे हैं। निगम इसके लिए उन्हें कोई धनराशि नहीं दे रही है। निगम विद्यालयों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, इसके लिए एनजीओ का सहयोग लिया जा रहा है।

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