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बारिश से बर्बाद हुई फसल के नुकसान का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड नहीं कर पा रहे अधिकांश किसान
फरीदाबाद न्यूज़: बरसात से बर्बाद हुई फसल की वजह से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. उनका बजट बिगड़ गया है. किसानों को उम्मीद थी कि फसल बेचकर स्कूल की फीस, दुकानदारों की देनदारियों के साथ-साथ अगली फसल की बुआई के लिए किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा. लेकिन रुक-रुक हो रही बारिश के वजह से फसल में भारी नुकसान हो चुका है.
किसानों को समझ में नहीं आ रहा है कि फसल की बर्बादी के बाद आढ़तियों से लिया गया कर्ज भी नहीं चुका पाएंगे. सरकार ने मदद नहीं की तो किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा. फतेहपुर बिल्लौच गांव निवासी किसान चंद्रपाल ने बताया कि उनकी फसल को भारी नुकसान हुआ है. पूरी फसल खेतों में लेट गई है. अभी तक गिरदावरी शुरू नहीं हुई है.
प्रदेश सरकार ने बारिश से बर्बाद हुई फसल का ब्योरा अपलोड करने के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल तो शुरू कर दिया है, लेकिन काफी संख्या में किसान इस पोर्टल पर अपनी खराब फसल का ब्यौरा अपलोड नहीं कर पा रहे हैं. पोर्टल पर जब ब्यौरा अपलोड करते हैं तो स्क्रीन पर संदेश उभर कर आता है कि क्षतिपूर्ति पोर्टल पर वही किसान आवेदन कर सकते हैं, जिस गांव की फसल खराब हुई है और खराब फसल वाले गांव का चयन डिप्टी कमिश्नर द्वारा किया गया है. हालत यह है कि प्रशासन अभी खराब फसल की गिरदावरी भी शुरू नहीं कर पाया है.
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के मुताबिक, जिले में करीब 29 हजार हेक्टेयर जमीन में गेहूं की खेती का अनुमान है. पिछले दिनों हुई बारिश से जिले के अधिकांश गांवों में फसल खराब हो चुकी है. किसान क्षतिपूर्ति पोर्टल पर खराब फसल का ब्यौरा अपलोड करना चाहते हैं, लेकिन बार-बार प्रयास के बावजूद अपलोड नहीं कर पा रहे हैं. क्षतिपूर्ति पोर्टल पर कुछ ब्यौरा तो अपलोड हो जाता है, लेकिन अंत में डिप्टी कमिश्नर वाला उपरोक्त संदेश स्क्रीन पर उभरकर आने आने के बाद क्षतिपूर्ति पोर्टल काम करना बंद कर देता है. इससे जिले के किसान परेशान हो चुके हैं. जबकि सरकार ने किसानों को खराब फसल का मुआवजा देने का ऐलान किया हुआ है. पोर्टल पर डीग, फतेहपुर बिल्लौच, छांयसा, बादशाहपुर सहित दर्जनों गांवों के किसान खराब फसल का ब्यौरा पोर्टल पर अपलोड नहीं कर पा रहे हैं.
सेटेलाइट से खराब फसल का सर्वे की मांग कर रहे किसान
किसानों का कहना है कि धान की पराली को जलाने पर सरकार सेटेलाइट के जरिए किसानों पर कार्रवाई कर देती है. अब किसानों की फसल बर्बाद हुई है तो सरकार सेटेलाइट का प्रयोग नहीं कर रही है. प्रगतिशील किसान बादशाहपुर गांव निवासी धर्मपाल त्यागी ने बताया कि 30 मार्च को हुई बारिश से गेहूं की फसल में भारी नुकसान हुआ है. मेरी नौ एकड़ फसल बर्बाद हुई है. ज्यादातर किसानों को गेहूं की फसल बर्बाद हुई है. किसान पोर्टल पर फसल का ब्यौरा अपलोड करना चाहते हैं, लेकिन पोर्टल पर ब्यौरा अपलोड नहीं हो पा रहा है. सरकार को सेटेलाइट का प्रयोग कर बर्बाद फसल का आकलन करना चाहिए. डीग गांव निवासी नरेंद्र यादव ने बताया कि हमारे गांव में अधिकतर किसानों की फसल को नुकसान हुआ है. क्षतिपूर्ति पोर्टल पर बर्बाद फसल का ब्यौरा अपलोड नहीं हो पा रहा है. सरकार को सेटेलाइट के जरिए किसानों की बर्बाद फसल का आकलन करना चाहिए. किसान संघर्ष समिति, नहरपार के महासचिव सतपाल नरवत बताते हैं कि किसानों की फसल को भारी नुसान हुआ है. किसान क्षतिपूर्ति पोर्टल पर खराब फसल का ब्यौरा अपलोड नहीं कर पा रहे हैं.