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मुफ़्त शिक्षा RTE पाने के इच्छुक बच्चों के एक हज़ार से भी अधिक आवेदन निरस्त

Admin Delhi 1
12 March 2023 12:15 PM GMT
मुफ़्त शिक्षा RTE पाने के इच्छुक बच्चों के एक हज़ार से भी अधिक आवेदन निरस्त
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ग्रेटर नोएडा: राज्य और केंद्र सरकार एक ओर जहां नि:शुल्क शिक्षा का अधिकार (RTE) के तहत बच्चों के स्कूलों में प्रवेश कराए जाने के दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार के ये दावे धरातल पर बिल्कुल उल्टे नजर आते हैं। यदि बात गौतमबुद्ध नगर जनपद की जाए तो यहां पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत दाखिल किए गए आवेदन पत्रों में से 1063 आवेदन पत्रों को निरस्त कर दिया गया है। यानि कि निरस्त हुए आवेदन पत्र वाले बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा नहीं मिल सकेगी।

Right To Education एक्ट: आपको बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से गरीब और असहाय बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम RTE के तहत नि:शुल्क शिक्षा प्रदान किए जाने का प्रावधान किया गया है। इस अधिनियम के तहत निजी और सरकारी स्कूल बच्चों को प्रवेश देने के लिए बाध्य हैं। लेकिन गौतमबुद्ध नगर जनपद में सबसे अधिक ग्राम पंचायत और वार्ड से बाहर से आने वाले स्कूलों में आवेदन करने वाले निरस्त किए गए। खंड शिक्षा अधिकारियों ने 777 और बेसिक शिक्षा अधिकारी के स्तर से 286 आवेदन पत्रों को निरस्त किया गया।

आपको बता दें कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम यानि RTE के तहत स्कूलों में प्रवेश के लिए प्रथम चरण में 5761 छात्रों ने आवेदन किया था। अब 4698 छात्रों को निजी स्कूलों में लॉटरी के माध्यम से दाखिला मिलेगा। पहले चरण के छात्रों का निजी स्कूलों को चार अप्रैल तक दाखिला लेना होगा। दूसरे चरण के दाखिले के लिए आवेदन प्रक्रिया 14 मार्च से शुरू होगी।

क्या है शिक्षा का अधिकार अधिनियम RTE

4 अगस्त, 2009 को भारतीय संसद द्वारा पारित शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार की गारंटी देता है। 6 से 18 वर्ष की आयु के बच्चे निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009, जिसे शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (RTE) भी कहा जाता है, के तहत निःशुल्क शिक्षा के हकदार हैं।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21ए के अनुसार, शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right To Education Act RTE) भारत में 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के महत्व की बारीकियों को रेखांकित करता है।

भारत अब दुनिया के उन 135 देशों में से एक है जहां शिक्षा का अधिकार अधिनियम कानून के लागू होने के कारण शिक्षा का अधिकार मौलिक है।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) यूपीएससी परीक्षा में प्रारंभिक परीक्षा और UPSC मुख्य पाठ्यक्रम के GS पेपर 2 दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।

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