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500 से ज्यादा लोगों को लगाया 12 करोड़ का चूना

Admin4
27 July 2022 12:01 PM GMT
500 से ज्यादा लोगों को लगाया 12 करोड़ का चूना
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नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने ठगी के एक अंतरराज्यीय रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए 2 जालसाजों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 2 मोबाइल फोन और 25 डेबिट/क्रेडिट कार्ड जब्त किए गए है. इसके अलावा पुलिस ने एक टाटा नेक्सॉन बरामद करने के साथ ही 2 प्रॉपर्टी की पहचान की है जो कथित रूप से इसी जालसाजी के पैसों से खरीदी गई है.

आरोप है कि ये गैंग भोले-भाले लोगों को बंद हो चुकी इंश्योरेंस पॉलिसी का पैसा दिलवाने के नाम पर जालसाजी का शिकार बनाते थे. पुलिस ने इनके 30 फर्जी खाते फ्रीज किए हैं, जिससे करीब 12 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ था.

दरअसल स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट को एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि कुछ अज्ञात लोगों ने बीमा पॉलिसियों के बहाने और अटके हुए धन को वापस दिलाने के नाम पर बीमा पॉलिसियों में 7-8 वर्षों की अवधि में 2.80 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है. पुलिस के मुताबिक, जांच के दौरान मनी ट्रैल और डिजिटल फुटप्रिंट्स की पहचान करने पर यह पाया गया कि शिकायतकर्ता को ठगने के लिए लगभग 30 बैंक खातों का उपयोग किया गया था.

मनी ट्रायल और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के विश्लेषण से पता चला कि यह रैकेट कई राज्यों में फैला हुआ है और कई स्तरों पर काम कर रहा है. जांच से पता चला है कि कथित खातों में 12 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन हैं और 500 से अधिक पीड़ितों को रैकेट द्वारा ठगा गया है.

इतना सबकुछ पता चलने पर पुलिस ने दोनों जालसाजों को गाजियाबाद के लालकुआं इलाके से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के मुताबिक, आरोपितों ने अपराध में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है. पूछताछ के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि वे 2014 से बीमा पॉलिसी के लाभ के बहाने लोगों को धोखा देने में लगे हुए हैं.

पुलिस के मुताबिक, इन जालसाज़ों ने खुलासा किया कि वे अलग-अलग समय में काम करते हैं और आमतौर पर सिंडिकेट के अन्य सदस्यों के साथ नहीं मिलते हैं. वे पैसे प्राप्त करने और उसके आगे के रोटेशन के लिए संचार और टेली-कॉलिंग और नकली खातों के लिए नकली सिम कार्ड खरीदते हैं.

ये जालसाज़ अब तक 500 से अधिक लोगों को ठग चुके थे और 12 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुके थे. इस मामले में अब तक 30 शिकायतकर्ताओं की पहचान की गई है और उन्हें आरोपी व्यक्तियों और खातों से जोड़ा गया है.

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