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इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर 35 से ज्यादा फार्म हाउस संचालकों ने भेजी आपत्ति, प्राधिकरण देगा बुधवार से इन आपत्तियों का जवाब
एनसीआर नॉएडा न्यूज़: दिल्ली से सटे नोएडा में फार्म हाउस ध्वस्तीकरण के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर याचिका कर्ताओं ने प्राधिकरण में 35 से ज्यादा आपत्ति आई है। इनमे से अधिकांश आपत्तियां ई मेल के जरिए भेजी गई है। इनको कंपाइल किया जा रहा है। बुधवार से इन आपत्तियों का जवाब प्राधिकरण देगा। प्राधिकरण के पास 10 दिन है। इसके बाद कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी।
आपत्तियों में फार्म हाउस मालिकों ने दावा किया कि 2011 के बाद वाले फार्म हाउस ढांचे को ध्वस्त करने का प्राधिकरण के पास कोई अधिकार नहीं है। क्योंकि निर्माण अवैध नहीं हैं। उन्होंने जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय द्वारा जारी 2016 की एक अधिसूचना का हवाला दिया। जिसमें उन्होंने बताया कि निर्माण केवल सक्रिय बाढ़ वाले क्षेत्रों तक प्रतिबंधित है। जिस एरिया में फार्म हाउस बने है वे नॉन एक्टिव जोन है। बता दे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फार्म हाउस संचालकों की ओर एक एसोसिएशन के जरिए डाली गई याचिका पर ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए प्राधिकरण को 10 दिनों में फार्म हाउस संचालकों के आब्जेक्शन सुनने व प्राधिकरण को 10 दिन में प्रतिवेदन देने का निर्देश था। जिसके एवज में प्राधिकरण अब जवाब देने की तैयारी कर रही है।
आपत्ति में इन बिंदुओं को किया शामिल: इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2011 के एक आदेश का हवाला दिया गया। जिसमें इलाहाबाद शहर में गंगा नदी के उच्चतम बाढ़ स्तर (एचएफएल) के 500 मीटर के भीतर निर्माण को मना किया गया था। याचिकाकर्ताओं ने नोएडा प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र पर भी सवाल उठाया। उन्होंने दावा किया कि नंगला नंगली और आसपास के गांव, जहां सबसे अधिक संख्या में फार्म हाउस बनाए गए हैं। उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम के तहत अधिसूचित नहीं हैं। संबंधित क्षेत्र मास्टर प्लान 2021 का हिस्सा नहीं था। मास्टर प्लान 2031 में इस क्षेत्र को पहली बार रिवरफ्रंट विकास क्षेत्र के रूप में दिखाया गया है। मास्टर प्लान में संशोधन के लिए राज्य सरकार को कई अभ्यावेदन दिए गए हैं।
अभी जारी रहेगी कार्यवाही: प्राधिकरण ने बताया कि डूब क्षेत्र में फार्म हाउसों के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया जारी रहेगी। अब तक 124 के करीब फार्म हाउसों को ध्वस्त किया जा चुका है। इसमे तीन क्लब भी शामिल है। बता दे प्राधिकरण ने इस क्षेत्र में 1 हजार फार्म हाउसों को अवैध बताया था। जिनको ध्वस्त किया जाना है।