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दिल्ली-एनसीआर
दिल्ली में लालकिले से 11 किलोमीटर दूर 2000 से ज्यादा जिंदा कारतूस बरामद
Ritisha Jaiswal
12 Aug 2022 1:53 PM GMT
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एक तरफ जहां 15 अगस्त के मद्देनजर देश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. वहीं, राजधानी दिल्ली में लालकिले से 11 किलोमीटर दूर 2000 से ज्यादा जिंदा कारतूस बरामद होने के बाद जाँच एजेंसियों के हाथ पांव फूल गए हैं.
एक तरफ जहां 15 अगस्त के मद्देनजर देश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. वहीं, राजधानी दिल्ली में लालकिले से 11 किलोमीटर दूर 2000 से ज्यादा जिंदा कारतूस बरामद होने के बाद जाँच एजेंसियों के हाथ पांव फूल गए हैं. एक ऑटो वाले कि सूझबूझ से दिल्ली पुलिस ने कारतूसों की तस्करी के बड़े नेटवर्क के भंडाफोड़ किया है. पुलिस एक हफ्ते चले ऑपरेशन में कब तक 2251 कारतूस बरामद किए है. ये कारतूस हाई कैलिबर के है. पुलिस ने इस नेक्सस से जुड़े अब तक कुल 6 लोगों गिरफ्तार भी किया है.
गिरफ्त में आये इस नेटवर्क के तार किसी आतंकी संगठन या मॉड्यूल से जुड़े हैं, इस बात की जांच भी दिल्ली पुलिस कर रही है. अब तक कि जांच के मुताबिक, मेरठ की जेल में बन्द अनिल नाम के एक गैंगस्टर ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर के सद्दाम की बात देहरादून के परिक्षित नेगी से करवाई थी. सद्दाम को हाई कैलिबर कारतूस की जरूरत थी. देहरादून में गन हाउस का मालिक परिक्षित नेगी धोखे से कारतूस बेचता था.
जेल में बन्द अनिल ने दोनों की बात करवाई थी. दिल्ली पुलिस के एडिशनल सीपी पूर्वी रेंज विक्रमजीत सिंह के मुताबिक, दिल्ली पुलिस को इस गैंग की जानकारी तब लगी जब आनंद विहार के ऑटो ड्राइवर ने शक के बाद वहां मौजूद सिपाहियों को बताया कि दो लड़के हैं, जिनके पास बेहद भारी बैग हैं और जिसमें कुछ गलत समान हो सकता है. पुलिस ने उन दोनों लड़कों की तलाशी ली तो भारी मात्रा में कारतूस मिले. ये बात 6 अगस्त की है.पकड़ में आए दोनों लड़कों के नाम राशिद और अजमल हैं.
दोनों ने पुलिस को बताया कि यह कारतूस वह देहरादून से लेकर आ रहे थे और आगे इन्हें पहले लखनऊ और फिर जौनपुर पहुंचाना था. उन्होंने पुलिस को बताया कि जिस शख्स ने उन्हें देहरादून में डिलीवरी दी थी, उसके हाथों पर टैटू बना था. एक पुल के नीचे बुला कर उसने बैग में भरकर ये कारतूस दिए थे.
इन दोनों से मिली जानकारी के आधार पर दिल्ली पुलिस ने रॉयल गन हाउस के मालिक परीक्षित नेगी को पहले जीरो इन किया और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया. जांच में पता लगा कि हेरफेर करके परीक्षित नेगी कई बार क्रिमिनल को कारतूस बेच चुका है. इसके अलावा, जब पुलिस ने आगे के बारे में जानकारी जुटाई तो पता लगा कि राशिद और अजमल फिलहाल इन कारतूसों को जौनपुर के सद्दाम के पास पहुंचाने वाले थे. पुलिस के मुताबिक, परिक्षित नेगी कारतूस देते वक्त बड़ी सावधानी रखता था, लेकिन टैटू और कार के नंबर के जरिए पुलिस उस तक पहुंच गई. पुलिस का कहना है कि सद्दाम को आगे इन कारतूस और को किसी बड़े गैंगस्टर को सप्लाई करना था, जो जौनपुर का रहने वाला है. साथ ही पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस पूरे नेटवर्क का तार किसी आतंकी संगठन से तो नहीं जुड़े हैं. क्योंकि 15 अगस्त से ठीक पहले इतनी बड़ी मात्रा में कारतूस बरामद होने के बाद दिल्ली पुलिस फिलहाल सतर्क हो चुकी है
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