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मनी लांड्रिंग मामला : ईडी ने यूनिटेक के संस्थापक के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

Kunti Dhruw
6 Dec 2021 4:53 PM GMT
मनी लांड्रिंग मामला : ईडी ने यूनिटेक के संस्थापक के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यूनिटेक ग्रुप के संस्थापक रमेश चंद्रा, प्रीति चंद्रा (संजय चंद्रा की पत्‍नी) और कार्नोस्टी ग्रुप के राजेश मलिक के खिलाफ प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत आरोपपत्र दाखिल किया है।

नई दिल्ली, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यूनिटेक ग्रुप के संस्थापक रमेश चंद्रा, प्रीति चंद्रा (संजय चंद्रा की पत्‍नी) और कार्नोस्टी ग्रुप के राजेश मलिक के खिलाफ प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत आरोपपत्र दाखिल किया है। तीनों को मनी लांड्रिंग के मामले में चार अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। रमेश चंद्रा, संजय चंद्रा के पिता हैं।

ईडी का आरोप है कि यूनिटेक ग्रुप ने करीब 347.5 करोड़ रुपये कार्नोस्टी ग्रुप को ट्रांसफर किए थे, जिसके बदले में उसने एनसीआर समेत देशभर में और विदेश में चल-अचल संपत्तियां खरीदी थीं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को संजय चंद्रा और उनके भाई अजय चंद्रा से पूछताछ करने और 'ढेर सारे साक्ष्यों' से सामना कराने की अनुमति प्रदान की है।आरोपपत्र पटियाला हाउस अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेद्र राणा के समक्ष दाखिल किया गया। प्रीति चंद्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता प्रमोद दुबे ने कहा कि वह जांच एजेंसी के साथ सहयोग कर रही हैं और उनके परिसरों से कुछ भी आपत्तिजनक बरामद नहीं हुआ है।
हाल ही में ईडी ने अजय चंद्रा और संजय चंद्रा की दो बेनामी कंपनियों से जुड़ीं 18.14 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की हैं। इन संपत्तियों में गुरुग्राम में एक मल्टीप्लेक्स, गुरुग्राम और लखनऊ में छह वाणिज्यिक संपत्तियां और 24 बैंक अकाउंट व फिक्स्ड डिपाजिट शामिल हैं। ये संपत्तियां इनोवा फैसिलिटी मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और एफएनएम प्रापर्टी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर हैं जो चंद्रा बंधुओं की बेनामी संपत्तियां हैं।बता दें कि ईडी ने मनी लांड्रिंग की जांच गृह खरीदारों द्वारा यूनिटेक और उसके प्रमोटरों के खिलाफ दर्ज कराई गईं विभिन्न एफआइआर के आधार पर शुरू की थी। ईडी ने कहा कि इस अपराध में शामिल रकम करीब 7,638.43 करोड़ रुपये है। जांच में पता चला कि इन दोनों बेनामी कंपनियों का प्रबंधन चंद्रा बंधु अपने करीबी विश्वस्त लोगों के जरिये कर रहे थे और जब्त की गई संपत्तियां अपराध की रकम से ही खरीदी गई थीं।
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