दिल्ली-एनसीआर

निजी स्कूलों से तिरंगे के लिए मांगे रुपए, विरोध के बाद बैकफुट पर आया शिक्षा विभाग, रद्द किया आदेश

Renuka Sahu
6 Aug 2022 5:59 AM GMT
Money demanded from private schools for the tricolor, after the protest, the education department came on the backfoot, canceled the order
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फाइल फोटो 

निजी स्कूलों को तिरंगा खरीदने के लिए रुपये दान करने के फरीदाबाद जिला शिक्षा विभाग के आदेश पर बवाल खड़ा हो गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। निजी स्कूलों को तिरंगा खरीदने के लिए रुपये दान करने के फरीदाबाद जिला शिक्षा विभाग के आदेश पर बवाल खड़ा हो गया है। स्कूलों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। विवाद ने तूल पकड़ा तो जिला शिक्षा विभाग को बैकफुट पर आना पड़ा। यही वजह है कि शिक्षा विभाग को अपना आदेश रद्द करना पड़ा।

उल्लेखनीय है कि जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से फरीदाबाद और बल्लभगढ़ खंड के स्कूलों को आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए झंडे खरीदने को दान स्वरूप राशि रेडक्रॉस डिस्ट्रिक्ट इनोवेशन फंड फरीदाबाद के अकाउंट में जमा कराने के आदेश दिए गए थे। जिले के 11 नामी सीबीएसई और हरियाणा बोर्ड संबद्ध निजी स्कूलों से प्रति झंडा 25 रुपये के हिसाब से आठ हजार झंडों के लिए दो लाख रुपये जमा कराने का फरमान दिया था।
वहीं, जिले के 31 स्कूलों से तीन हजार झंडों के लिए 7500 रुपये जमा कराने के आदेश दिए थे। बाकी सभी सीबीएसई और हरियाणा बोर्ड संबद्ध स्कूलों को 400 झंडों के लिए एकमुश्त 10 हजार रुपये जमा कराने को कहा था। हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल कांफ्रेंस के प्रदेश अध्यक्ष एसएस गुसाईं का कहना है कि शिक्षा विभाग ने तिरंगे की खरीदारी के लिए फंड जमा कराने का फरमान दिया था। कई स्कूलों से शिकायत मिली थी। उपायुक्त से बात की तो उन्होंने ऐसी किसी अनिवार्यता से इनकार किया। हमने स्कूलों को मैसेज भेज दिया था कि कोई फंड जमा न कराएं।
जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. मुनेश चौधरी ने कहा, 'स्कूलों में हर बच्चे को झंडा देने के लिए फंड जुटाने को प्रशासनिक आदेश मिले थे। इन्हीं आदेशों पर स्कूलों को पत्र भेजा गया था। फिलहाल फैसले को वापस ले लिया गया है।'
हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा, 'निजी स्कूलों से झंडे की खरीदारी के नाम पर वसूली होगी तो भार छात्रों पर ही आएगा। देशभक्ति जबरन थोपने की चीज नहीं।'
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