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दिल्ली-एनसीआर
19 नई फस्र्ट माइल कनेक्टिविटी परियोजनाएं शुरू करेगा कोयला मंत्रालय
Rani Sahu
2 Jan 2023 1:33 PM GMT
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| कोयला मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025 तक 1.31 बिलियन टन कोयले और वित्त वर्ष 2030 में 1.5 बीटी कोयले का उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। कोयला मंत्रालय का कहना है कि वह कोल इंडिया लिमिटेड और एससीसीएल के लिए अतिरिक्त 19 फस्र्ट माइल कनेक्टिविटी परियोजनाएं शुरू करेगा। इसकी क्षमता 330 मिलियन टन (एमटी) होगी और इन परियोजनाओं को वित्त वर्ष 2026-27 तक कार्यान्वित किया जाएगा।
केंद्रीय कोयला मंत्रालय फस्र्ट माइल कनेक्टिविटी और कोयला क्षेत्रों में रेल नेटवर्क को मजबूत करने समेत राष्ट्रीय कोयला लॉजिस्टिक योजना के विकास पर काम कर रहा है। इससे भविष्य में सुचारू और पर्यावरण-अनुकूल कोयले की निकासी सुनिश्चित की जा सकेगी। कोयला मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025 तक 1.31 बिलियन टन कोयले और वित्त वर्ष 2030 में 1.5 बीटी कोयले का उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस संदर्भ में, लागत प्रभावी, तेज और पर्यावरण-अनुकूल तरीके से कोयला परिवहन महत्वपूर्ण है।
मंत्रालय ने खानों में कोयले के सड़क परिवहन को समाप्त करने के लिए एक एकीकृत ²ष्टिकोण विकसित करने के क्रम में एक रणनीति तैयार की है। फस्र्ट माइल कनेक्टिविटी परियोजनाओं के अंतर्गत यंत्रीकृत कोयला परिवहन और लोडिंग प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए हैं। कोल हैंडलिंग प्लांट्स (सीएचपी) और रैपिड लोडिंग सिस्टम वाले साइलो को कोयले को तोड़ने, कोयले को आकार देने और तेज कंप्यूटर आधारित लोडिंग जैसे फायदे होंगे।
कोयला मंत्रालय, 18000 करोड़ रुपए के निवेश से 526 एमटीपीए क्षमता की 55 फस्र्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) परियोजनाएं पहले ही शुरू कर चुका है। इनमें से 95.5 एमटीपीए क्षमता की आठ परियोजनाएं चालू की जा चुकी हैं और शेष वित्त वर्ष 2025 तक चालू हो जाएंगी।
राष्ट्रीय पर्यावरण अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई), नागपुर के माध्यम से 2020-21 में अध्ययन किया गया था। एनईईआरआई रिपोर्ट ने वार्षिक कार्बन उत्सर्जन में कमी, ट्रक परिचालन के घनत्व में कमी और डीजल में 2100 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की बचत का उल्लेख किया है।
--आईएएनएस
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