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ग्रेटर नॉएडा की सालों से अटकी पड़ी मेट्रो परियोजना 2023 में होगी शुरू, जानिए पूरी खबर
एनसीआर नॉएडा न्यूज़: ग्रेटर नोएडा वेस्ट वासियों के लिए जरूरी खबर है। सालों से अटकी पड़ी मेट्रो परियोजना को एक बार फिर गति देने की तैयारी की जा रही है। शहर वासियों को अब और मेट्रो के लिए और इंतजार नहीं करना पड़ेगा। नोएडा मेट्रो रेल कार्पोरेशन और शासन के तरफ से अहम निर्णय लिए गए हैं। हाल ही में पब्लिक इंवेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) के सामने इसका प्रेजेंटेशन दिया गया है। जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि 2023 जनवरी में इसका निर्माण शुरू हो सकता है। इस रूट के चलने से ग्रेनो वेस्ट की 100 से अधिक सोसाइटी के करीब 5 लाख लोगों को फायदा होगा। यहां के लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी। साथ ही मेट्रो की सुविधा के बाद यात्रियों को दिल्ली आने-जाने में काफी राहत मिलेगी।
पहले चरण में 5 स्टेशन: नोएडा-ग्रेनो वेस्ट के बीच चलने वाली मेट्रो की यह लाइन सेक्टर-51 से शुरू होकर नॉलेज पार्क-5 तक जाएगी, लेकिन पहले चरण में सेक्टर-51 से शुरू होकर सेक्टर-2 ग्रेनो वेस्ट तक मेट्रो चलेगी। इसमें 5 स्टेशन होंगे। इनमें सेक्टर-122, 123, सेक्टर-4 ग्रेटर नोएडा वेस्ट, सेक्टर-12 ईकोटेक और सेक्टर-2 ग्रेटर नोएडा वेस्ट के स्टेशन हैं।
गौतमबुद्ध नगर में बनेगा देश का पहला 4 मंजिला मेट्रो स्टेशन: एक बड़ी बात हम आपको बताते है कि एक्वा लाइन मेट्रो के विस्तारीकरण के तहत नोएडा के सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन से ग्रेटर नोएडा एक्सटेंशन तक मेट्रो चलाई जाएगी। इनके बीच कुल 9 स्टेशनों का निर्माण होना है। इस बीच नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने तीन नए रूट पर मेट्रो के डिजाइन में बदलाव किया है। अफसरों के मुताबिक इस रूट पर 4 मंजिला मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे। यह उपलब्धि हासिल करने वाला गौतमबुद्ध नगर देश का पहला शहर होगा। अब तक देश के किसी भी मेट्रो रूट पर चार मंजिला स्टेशन नहीं है। पहले मेट्रो स्टेशन दो मंजिल बनने थे। लेकिन इसे चेंज कर एनएमआरसी ने दो मंजिल और बढ़ाने का फैसला किया।
योगी आदित्यनाथ ने शुरुआत में दी थी मंजूरी: आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो प्रोजेक्ट के पहले चरण में 9.15 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा। इस पर 5 स्टेशन बनाए जाएंगे। प्रोजेक्ट पर उत्तर प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार, नोएडा अथॉरिटी और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी मिलकर करीब 1,100 करोड रुपए खर्च करेंगे। सिविल वर्क पर करीब 500 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे। करीब एक दशक से ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले लोगों को इस परियोजना पर काम शुरू होने का इंतजार था। खास बात यह है कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने शुरुआती वर्ष में ही इस परियोजना को मंजूरी दे दी थी।