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मेधावी छात्राओं को छात्रवृत्ति से वंचित होने पर भी नहीं आएगी शिक्षा में बाधा: उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय
दिल्ली न्यूज़: प्रधानमंत्री के बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान और कल की सफल महिलाओं के रूप में युवा लड़कियों की शिक्षा और स्वतंत्रता के प्रतिबद्धता के तहत नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने आज अटल आदर्श बंगाली बालिका विद्यालय, गोल मार्केट में आयोजित समारोह में 25 एनडीएमसी स्कूलों से चयनित 225 छात्राओं को एक हजार रूपए सम्मानित किया। अब इन छात्राओं को एक हजार रूपए मासिक की छात्रवृत्ति दी जाएगी। इस अवसर पर एनडीएमसी निदेशक शिक्षा आर.पी. सत्ती, आरसीडीएस अध्यक्ष अनिल के. अग्रवाल भी मौजूद थे
एनडीएमसी उपाध्यक्ष ने दी 225 छात्राओं को एक हजार की छात्रवृत्ति: इस दौरान एनडीएमसी उपाध्यक्ष ने कहा कि गरीबी, सांस्कृतिक मानदंडों और प्रथाओं के साथ-साथ अपर्याप्त बुनियादी ढांचे के कारण हर दिन महिलाओं को शिक्षा में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। महिलाओं की शिक्षा एक रणनीतिक विकास प्राथमिकता है जो न केवल जीवन को आकार देने में मदद करेगी बल्कि राष्ट्र के विकास में भी योगदान देगी। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी भारत के कई हिस्सों में बालिका के जन्म का स्वागत नहीं किया जाता है। उन्होंने बताया कि रोटरी क्लब ऑफ दिल्ली साउथ ने वर्ष 2020-21 में बेटी को शिक्षा और सम्मान का शुभारंभ किया। बेटी को शिक्षा और सम्मान परियोजना के तहत, वंचित परिवारों की वंचित लड़कियों के लिए शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने के लिए वंचित और मेधावी छात्राओं को 1000 रुपए की मासिक छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। एनडीएमसी का शिक्षा विभाग विभिन्न एनडीएमसी स्कूलों से ऐसी मेधावी लड़कियों की पहचान करने में मदद करता है और आरसीडीएस जनवरी 2021 से एनडीएमसी स्कूलों में 225 से अधिक लड़कियों को 1000 रुपए प्रति माह की छात्रवृत्ति प्रदान कर रहा है।