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पेड़ से टकराने के बाद महज दस सेकंड में जल गई मर्सिडीज कार
नोएडा न्यूज़: सड़क हादसे में जान गंवाने वाले मैनेजर अनुज अहलावत की मर्सिडीज कार हादसे के दौरान 150 की रफ्तार से दौड़ रही थी. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि तेज कार पेड़ से टकराने के बाद मात्र दस सेकंड में ही धू-धूकर जल गई. अनुज ने बाहर निकलने के लिए काफी प्रयास किए, लेकिन वह बाहर आने में सफल नहीं हो सका.
पुलिस ने घटना को लेकर दो प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की. उन्होंने बताया कि हादसे के समय अनुज की कार की रफ्तार करीब 150 प्रति घंटा किलोमीटर की रही होगी. जब वह नियंत्रण खो बैठे तो पहले कार डिवाइडर पर चढ़कर दूसरे रोड पर पहुंच गई. यहां पर कार की टक्कर से एक पेड़ उखड़ गया. फिर वह दूसरे पेड़ से जा भिड़ी. यहां से कार का एंगल बदल गया और वह दूसरे रोड के डिवाइडर से टकरा गई और तुरंत कार में आ गई.
एसीपी अमित प्रताप सिंह ने बताया कि ने कि छानबीन में सामने आया है कि अनुज ने महामाया फ्लाईओवर के पास भी एक कार को तेज रफ्तार से ओवरटेक किया था. वह दूसरी कार से भिड़ने से बाल बाल बच गए.
इस कार का चालक जब सेक्टर-93 एल्डिको चौराहे पर पहुंचा तो अनुज की कार में आग लगी थी. वह बचाने के लिए कार के पास भी पहुंचे, लेकिन आग की लपटें बहुत तेज हो चुकी थीं. प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताया कि मात्र दस सेकंड में ही पूरी कार में आग लग गई. राहगीर भी उसके पास जाने से डर रहे थे. जब तक दमकल की गाड़ी मौके पर पहुंची तो कार पूरी तरह जल चुकी थी.
कार से बाहर निकलने के किए कई प्रयास किए जिस समय कार में आग लगी तो अनुज ने उससे बाहर निकलने के लिए उसने बहुत प्रयास किए. वह दरवाजों के शीशों में हाथ पैर मार रहा था, लेकिन कार से बाहर आने में सफल नहीं हो सका. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि तभी कार के अंदर तक आग पहुंच गई. धुआं भरने के कारण अनुज किसी को नजर नहीं आ रहा था.
कंपनी करेगी हादसे की जांच: जर्मन लग्जरी कार निर्माता कंपनी मर्सिडीज बेंज हादसे की जांच करेगी. कंपनी की ओर से गठित टीम ने दुर्घटनाग्रस्त हुई कार के आंकड़े एकत्र करेगी. फिर आंकड़ों का विश्लेषण किया जाएगा. ताकि आग लगने के कारणों का पता लगाया जा सके. कार के टायर प्रेशर और ब्रेक द्रव्य स्तर की भी जांच की जाएगी. कंपनी जांच रिपोर्ट को पुलिस से साझा करेगी.
28 जनवरी को बांग्लादेश से लौटा था: कंपनी के काम के सिलसिले में कुछ दिन पहले अनुज बांग्लादेश गया था. यहां से काम खत्म होने के बाद वह 28 जनवरी को ही भारत आया था. हादसे की जानकारी मिलने के बाद उनकी कंपनी के कर्मचारी भी सुबह काफी संख्या में मोर्चरी पहुंच गए थे. अनुज का गांव सिंघु बॉर्डर है.