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केजरीवाल पर बरसीं मीनाक्षी लेखी, शराब नीति वापस लेने से पाप नहीं धुल जाते
दिल्ली की आबकारी नीति पर छिड़ा बवाल हाल-फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए बीजेपी की सांसद मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली सरकार पर कई सवाल दागे हैं. उन्होंने कहा कि शराब नीति वापस लेने से आपके पाप नहीं धुल जाते हैं.
शराब नीति में हुआ भ्रष्टाचार
नई दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी की सांसद मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार से सवाल किया कि दिल्ली की आबकारी नीति में जो जमकर भ्रष्टाचार हुआ, उसका क्या? आप बताइए कि 144 करोड़ रुपये का लाभ आपने पहुंचाया या नहीं? ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को टेंडर दिया या नहीं? ये सवाल हमने आपसे किए थे.
मीनाक्षी लेखी ने कहा कि अब सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी को निरस्त कर दिया है, लेकिन ऐसा करने से आपके पाप नहीं धुल जाते हैं.
मास्टरप्लान से हटकर दुकानें खोलीं
मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली सरकार पर दिल्ली के मास्टरप्लान को भी दरकिनार करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार ने मास्टर प्लान को साइड लाइन करके दुकानें खोलीं, जिन दुकानों को बन्द भी किया गया उन्हें एमसीडी ने किया.
शराब की खपत बढ़ी, लेकिन टैक्स नहीं
मीनाक्षी लेखी ने कहा कि हालिया समय में शराब की खपत 50 से 60 प्रतिशत बढ़ी है. उसका टैक्स बढ़ना चाहिए था, लेकिन वो बढ़ा नहीं, उल्टा कम हुआ. इस टैक्स का फायदा दिल्लीवालों को मिलना चाहिये था, वो कहां गया?
गौरतलब है कि दिल्ली में शराब का संकट खत्म करने के लिए आबकारी विभाग अपनी पुरानी पॉलिसी पर लौट आया है. डिप्टी सीएम और आबकारी विभाग के मंत्री मनीष सिसोदिया ने आज कह दिया है कि जब तक नई पॉलिसी नहीं आ जाती है, अगले छह महीने तक हम पुरानी व्यवस्था पर ही चलेंगे. दिल्ली के कई पॉश इलाकों में शराब की किल्लत के बीच नई शराब नीति की मियाद 31 जुलाई 2022 को खत्म हो रही थी.
हमारी सरकार पिछले साल नई एक्साइज पॉलिसी लेकर आई थी. पहले दिल्ली में 850 दुकानें होती थी और हमने नई पॉलिसी में तय किया कि उतनी ही दुकानें खोली जाएंगी, कोई नई दुकान नहीं खोली जाएगी. सिसोदिया ने बताया कि पहले दिल्ली सरकार को 6000 करोड़ रुपये का रिवेन्यू मिलता था, अब 9500 करोड़ रुपये का रिवेन्यू आने लगा है. आज दिल्ली में कुल 468 दुकानें ही चल रही हैं और एक अगस्त से कई और दुकान कम हो जाएंगी क्योंकि सीबीआई, ईडी के डर से कई और लोग भी दुकानें छोड़कर जाने वाले हैं.