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मनोज झा ने कहा: डीयू के कॉलेजों ने आजादी की अभिव्यक्ति पर कार्यक्रम के लिए निमंत्रण रद्द किया

Admin Delhi 1
15 April 2022 5:04 PM GMT
मनोज झा ने कहा: डीयू के कॉलेजों ने आजादी की अभिव्यक्ति पर कार्यक्रम के लिए निमंत्रण रद्द किया
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दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के दो कॉलेजों ने अभिव्यक्ति की आजादी और लोकतंत्र से संबंधित कार्यक्रमों के लिए उन्हें दिए अपने निमंत्रण रद्द कर दिए जाने की बात कहीं है। कॉलेजों ने इसके लिए कार्यक्रम की प्रकृति में बदलाव का हवाला दिया है। झा डीयू में प्रोफेसर भी हैं। उन्होंने दोनों कॉलेजों का नाम लिए बगैर उन्हें दिए निमंत्रण वापस लेने के बारे में ट्वीट किया।

हाल ही में एलएसआर में रद्द किया गया था भाजपा प्रवक्ता गुरू प्रकाश का निमंत्रण: मालूम हो, यह निमंत्रण तब रद्द किया गया है,जब कुछ दिनों पहले ही डीयू से सम्बद्ध एलएसआर (लेडी श्रीराम कॉलेज) में छात्रों के एक वर्ग के विरोध में चलते भाजपा प्रवक्ता गुरू प्रकाश पासवान को दिया निमंत्रण वापस ले लिया था। वीरवार को ट्वीट करते हुए झा ने कहा कि कुछ ऐसा साझा कर रहा हूं कि जिसने मुझे मेरे अपने विश्वविद्यालय में चल रही स्थिति के बारे में असहज कर दिया है। मुझे दो कॉलेजों ने वक्ता के तौर पर निमंत्रण भेजा था। हालांकि, एक दिन पहले मुझे सूचित किया गया कि कार्यक्रमों की प्रकृति बदल गयी है और अत: निमंत्रण वापस लिया जाता है। कोई खेद नहीं है...बस ङ्क्षचतित हूं...। झा का कहना है कि वह विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं और वह नहीं चाहते कि छात्रों के बीच लड़ाई हो चाहे वे वामपंथी हो, दक्षिणपंथी या किसी से भी न जुड़े हो। उन्होंने सवाल किया, मैं संसद सत्र के दौरान भी अपने विश्वविद्यालय में नियमित कक्षाएं लेता हूं। मेरी आवाज उन कॉलेजों के लिए कैसे खतरा हो सकती है जब यह संसद में खतरा नहीं है। उन्होंने विपक्षी दलों के विचारों के बीच अनुकूल संवाद बनाए रखने की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा मेरा मानना है कि हम रास्ते से भटक रहे हैं। खासतौर से लोकतंत्र में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अनुकूल संवाद होना चाहिए, चाहे मैं वामपंथी हूं या दक्षिणपंथी। राज्यसभा सदस्य ने कहा, कॉलेजों ने कहा है कि कार्यक्रम की प्रकृति बदल गयी है। हालांकि, मुझे छात्रों से ईमेल मिले हैं कि वे (कॉलेज) झूठ बोल रहे हैं और वे आपको और कुछ अन्य वक्ताओं को बुलाना नहीं चाहते। यह अभिव्यक्ति की आजादी और लोकतंत्र से जुड़ा कार्यक्रम है।

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