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उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 3 साल से विधानसभा में लोकायुक्त की सालाना रिपोर्ट पेश नहीं होने पार जताई नाराजगी

Admin Delhi 1
22 Oct 2022 6:47 AM GMT
उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 3 साल से विधानसभा में लोकायुक्त की सालाना रिपोर्ट पेश नहीं होने पार जताई नाराजगी
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दिल्ली न्यूज़: दिल्ली सरकार की तरफ से लोकायुक्त की वार्षिक रिपोर्ट्स को तीन साल से सदन में पेश न करने पर नाराजगी जताते हुए उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दोनों पेंडिंग रिपोर्ट्स को विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत करने की मंजूरी दे दी है। एलजी का एप्रूवल मिलने के बाद अब वर्ष 2017-18 और वर्ष 2018-19 के लिए लोकायुक्त की 16वीं और 17वीं वार्षिक रिपोर्ट सदन में पेश की जा सकेगी। एलजी ऑफिस के सूत्रों के मुताबिक, ये दोनों रिपोर्ट्स 2019 से ही दिल्ली सरकार के पास पेंडिंग पड़ी थीं और अभी तक इन्हें विधानसभा में पेश नहीं किया गया था। लोकायुक्त ने जिन विषयों को लेकर चिंता जताई है, उनके बारे में भी एलजी ने सरकार को आगाह किया है। खासतौर से लोकायुक्त की स्वतंत्रता, अधिकार और शक्तियां, वित्तीय स्वायत्ता, क्षेत्राधिकार और शिकायतों की जांच, छानबीन व कार्रवाई करने के लिए संसाधनों के अभाव को लेकर लोकायुक्त ने जो चिंता जाहिर की हैं, उस पर भी एलजी ने संज्ञान लिया है। उन्होंने सीएम को सुझाव दिया है कि इस तरह की वैधानिक रिपोर्ट्स को समय पर विधानसभा में पेश किया जाना चाहिए, ताकि लोकायुक्त के सिस्टम को मजबूत बनाया जा सके।

एलजी ऑफिस के सूत्रों के मुताबिक, 2019 में जब लोकायुक्त के द्वारा ये रिपोर्ट्स सबमिट की गई थीं, तत्कालीन एलजी ने तभी सितंबर 2019 में ये रिपोर्ट्स चीफ सेक्रेटरी को भेजकर नियमों के तहत दिल्ली सरकार से इसके मुख्य बिंदुओं पर जवाब मांगा था। सरकार को अपने जवाब के साथ यह रिपोर्ट फिर से एलजी को भेजनी थी, ताकि एलजी उसे फाइनल एप्रूवल देकर रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने की अनुमति दे सकें। दिल्ली सरकार के प्रशासनिक विभाग ने रिपोर्ट के संबध में पूरे विवरण के साथ एक ज्ञापन तैयार करके सितंबर 2020 में उसे संबंधित मंत्री को सबमिट कर दिया था, लेकिन मंत्री ने पूरे दो साल बाद सितंबर 2022 में यह रिपोर्ट सीएम के पास भेजी। सीएम ने 27 सितंबर को आगे की मंजूरी के लिए रिपोर्ट एलजी के पास भेजी। फाइल में सरकार ने रिपोर्ट पेश करने में हुई तीन साल की देरी के संबंध में कोई स्पष्टीकरण भी नहीं दिया।

इस पर नाखुशी और नाराजगी जताते हुए एलजी ने सीएम को चिट्ठी लिखकर कहा कि इस प्रकार की अनुचित देरी करना ठीक नहीं है, क्योंकि इससे लोकायुक्त के सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए जरूरी कदम उठाने में भी देरी हो रही है। एलजी ने सीएम से कहा है कि वह संबंधित मंत्री का उचित मार्गदर्शन करके उन्हें यह सलाह दें कि इस तरह की वैधानिक रिपोर्ट्स समय पर सदन में पेश किया करें, ताकि पब्लिक इंट्रेस्ट से जुड़े ऐसे जरूरी मामलों पर समय रहते गौर किया जा सके और इन रिपोर्ट्स को तैयार करने का वैधानिक मकसद भी पूरा हो सके।

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