- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- उपराज्यपाल ने दिए...
उपराज्यपाल ने दिए निर्देश: अनंग ताल का होगा जीर्णोद्धार
नेशनल कैपिटल न्यूज़: दक्षिणी दिल्ली के संजय वन की अनंग ताल (तालाब) को जीर्णोद्धार किया जाएगा। यह बावली 11वीं शताब्दी की विरासत संरचना में है और कचरे, आसपास के होटलों व झुग्गियों से निकलने वाले सीवेज के कारण गंदगी से पटी हुई है। दिल्ली के उपराज्यपाल ने बावली का दौरा किया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि दो महीने के भीतर बावली का जीर्णोद्धार किया जाए और यहां ताजा पानी होना चाहिए। वीके सक्सेना ने जोर देकर कहा कि संरचना की विरासत, पहचान, इसकी विशेषताओं के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए इसका जीर्णोद्धार किया जाना चाहिए। दौरे पर डीडीए, डीजेबी, एएसआई और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। उपराज्यपाल ने संबंधित अधिकारियों को बावली को रिकॉर्ड समय में बहाल करने के लिए सभी से एकजुट होकर प्रयास करने के निर्देश दिए।
अनंग ताल बावली घने वन क्षेत्र में है इसका निर्माण 11वीं शताब्दी में तोमर शासक अनंगपाल द्वितीय द्वारा किया गया था। डीडीए ने अनंग ताल बावली से गाद निकालने का काम तुरंत शुरू करने की जानकारी दी वहीं एएसआई ने एलजी को बताया कि वे खुदाई का काम शुरू कर देंगे और अगले 3-4 दिनों में बहाली के काम को पूरा करने के लिए एक ठोस समय-सीमा के साथ एक रिपोर्ट सौंपेंगे। मानसून से पहले तालाब की डी-सिल्टिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा ताकि तालाब में ताजा बारिश का पानी भरा जा सके।
अधिकारियों ने बताया कि 45 फीट गहरी बावली के जीर्णोद्धार से न केवल भूजल रिचार्ज होगा, बल्कि क्षेत्र की सुंदरता भी बढ़ेगी और एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी। एलजी ने बावली के आसपास के विरासत ढांचों की बहाली के निर्देश दिए ताकि जंगल में आने वाले लोगों को जागरूक किया जा सके। उपराज्यपाल को बताया कि होटलों और झुग्गियों से बावली में बहने वाले सीवेज को रोक दिया गया है, वन क्षेत्र के अंदर अतिक्रमित भूमि का एक हिस्सा साफ कर दिया गया है। एलजी ने जंगल में फलदार पेड़ लगाने के भी निर्देश दिए। उन्होने यहां बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रमों के आयोजन को भी कहा, बता दें कि यहां से कुतुबमीनार साफ दिखाई देती है। डीडीए, एएसआई जल्द टीसीएस से इस बाबत एमओयू साइन करेगा।