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लोकायुक्त ने मुख्य सचिव से कमरों के निर्माण में अनियमितताओं के आरोप पर जवाब देने को कहा
दिल्ली न्यूज़: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कमरों के निर्माण में कथित वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत पर दिल्ली के लोकायुक्त जस्टिस हरीश चंद्र मिश्रा ने शुक्रवार को मुख्य सचिव को जांच के बाद संबंधित विभाग का जवाब देने का निर्देश दिया। उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के भाजपा सांसद एवं शिकायतकर्ता मनोज तिवारी व पश्चिमी दिल्ली के भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा लोकायुक्त अदालत में शिकायत पर सुनवाई के दौरान उपस्थित थे। भाजपा सांसद तिवारी ने 2019 में लोकायुक्त के पास राजधानी में दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग के जोन 23, 25 व 29 के स्कूलों में अतिरिक्त कमरों के निर्माण में वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की थी।
लोकायुक्त ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव से जांच करने और अक्तूबर तक रिपोर्ट देने को कहा है। अगली सुनवाई 20 अक्तूबर को है। लोकायुक्त ने उम्मीद जताई कि तब तक आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार के संबंधित विभाग का जवाब दाखिल कर दिया जाएगा। तिवारी सहित भाजपा नेताओं ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण में कथित घोटाले का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि 5 लाख रुपए की सामान्य लागत की तुलना में प्रति कक्षा के निर्माण में 28 लाख रुपए तक लागत बढ़ा दी गई थी। शिक्षा विभाग संभालने वाले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने तिवारी और अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ इस मामले में आरोप लगाने पर मानहानि का मामला दर्ज किया था। उन्होंने दावा किया था कि भाजपा नेताओं के आरोप उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से लगाए गए हैं।
हम हमेशा क्लीन चिट लेकर आए हैं: दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार ने इस मामले में बयान जारी कर लोकायुक्त के आदेश का स्वागत किया है। सरकार ने कहा कि जिस मुद्दे पर हमारा जवाब मांगा गया है, इससे पहले भी एसीबी, दिल्ली पुलिस, सीबीआई व ईडी हमारे प्रोजेक्ट की जांच कर चुकी है। सरकार ने कहा कि हम हमेशा क्लीन चिट लेकर आए हैं। सरकार ने कहा कि लोकायुक्त को दी गई शिकायत पूरी तरह से निराधार और झूठी है।