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80 फीट की ऊंचाई से गिरी लिफ्ट, 4 की मौत, बिल्डिंग सील के आदेश, 2,000 मजदूर सिर छिपाने के मोहताज

Rani Sahu
15 Sep 2023 1:37 PM GMT
80 फीट की ऊंचाई से गिरी लिफ्ट, 4 की मौत, बिल्डिंग सील के आदेश, 2,000 मजदूर सिर छिपाने के मोहताज
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ग्रेटर नोएडा (आईएएनएस)। ग्रेटर नोएडा में शुक्रवार सुबह हादसे में आम्रपाली ग्रुप की एक निर्माणाधीन बिल्डिंग की लिफ्ट 80 फीट की ऊंचाई से नीचे गिर गई। हादसे में 4 लोगों की मौके पर मौत हो गई, जबकि 5 लोग घायल हैं। सभी मृतक मजदूर हैं, जो निर्माणाधीन बिल्डिंग में काम कर रहे थे और लिफ्ट में बैठकर नीचे से ऊपर जा रहे थे।
हादसा ग्रेटर नोएडा के बिसरख में आम्रपाली ड्रीम वैली हाउसिंग सोसायटी में सुबह 9 बजे के आसपास हुआ।
बताया जाता है कि लिफ्ट में 9 मजदूर सवार थे। जैसे ही लिफ्ट एफ-8 और एफ-9 फ्लोर के बीच पहुंची, तभी अचानक फ्री हो गई और तेजी से नीचे आ गिरी। लिफ्ट सामान ढोने वाली थी, इसमें कोई स्प्रिंग नहीं लगे थे। इसी वजह से फ्री होते ही लिफ्ट तेजी से नीचे गिरी और धमाके की आवाज आई।
आवाज सुनकर बिल्डिंग में काम कर रहे बाकी लोग आनन-फानन में माैके पर पहुंचे। हादसे में 9 लोग घायल हो गए। सभी घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया। जिनमें से 4 को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। 5 मजदूरों का इलाज चल रहा है।
इस घटना में इस्ताक अली (23), अरुण तांती मंडल (40), विपोत मंडल (45), आरिस खान (22) की मौत हो गई। जबकि, असुल मुस्तकीम, अब्दुल मुस्तकीम, कुलदीप पाल, कैफ और अरबाज अली घायल हो गए हैं। दो मजदूर की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें सिर में चोट आई है।
हादसे के बाद जिलाधिकारी और प्राधिकरण के सीईओ जिला अस्पताल पहुंचे। उसके बाद गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ ने घटनास्थल पर जाकर जायजा लिया और सुरक्षा मानकों में कमी को देखते हुए पूरे प्रोजेक्ट को सील करने का आदेश जारी किया।
हादसे पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी शोक व्यक्त किया है और जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। घटना के बाद अधिकारियों ने पूरे प्रोजेक्ट को सील करने के आदेश दे दिए हैं। पुलिस ने पूरे प्रोजेक्ट में अलग-अलग राज्यों और जिले से काम करने आए मजदूरों को उसे खाली करने को कहा है।
इस पूरे प्रोजेक्ट में करीब 2,000 मजदूर रह रहे हैं, जो पिछले कई महीनो से यहां काम कर रहे थे। उनसे छत का आसरा भी खो चुका है। फिलहाल पूरा प्रोजेक्ट खाली करने से मजदूर कहां जाएंगे और कहां पर रहेंगे, यह कह पाना मुश्किल है।
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