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उधारी के रुपये मांगने पर हत्या करने वाले दोषियों को आजीवन कारावास

Kajal Dubey
3 Aug 2022 5:54 PM GMT
उधारी के रुपये मांगने पर हत्या करने वाले दोषियों को आजीवन कारावास
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छह साल पहले उधार दिए 80 हजार रुपये वापस मांगने पर व्यक्ति की हत्या करने वाले दो दोषियों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत के न्यायाधीश सुनील प्रसाद ने दोनों दोषियों पर 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुनील कौशिक ने बताया कि लोनी थाने में विजेंद्र ने 12 अगस्त 2006 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसमें बताया था कि लोनी के गढ़ी जस्सी मोहल्ले में उनका बड़ा भाई महेश परिवार समेत रहता था। उसके मकान में दो किरायेदार भी रहते थे। महेश ने मोहल्ले में ही रहने वाले ऋषिपाल को 80 हजार रुपये उधार दे रखे थे। करीब दो साल बीतने के बाद भी वह रकम वापस नहीं कर रहा था। जबकि महेश बार-बार तकादा कर रहे थे।
11 अगस्त को रेशम उर्फ ऋषि पाल दोपहर एक बजे महेश को पूछने घर पर आया था। उस समय महेश घर पर नहीं थे। रात 8:30 बजे रेशम दोबारा घर पर आया और यह कहकर महेश को साथ ले गया कि चल मेरे घर पर तेरा हिसाब कर देता हूं। उधार दी रकम वापस देने की बात कहकर वह महेश को बाइक पर बैठाकर साथ ले गए। पावी गांव के जंगल में ले जाकर ऋषिपाल व हरेंद्र सिंह ने पीट-पीटकर महेश की हत्या कर दी और शव गड्ढे में छिपा दिया था।
महेश रात को घर वापस नहीं आया। बिजेंद्र को यह बात 12 अगस्त को सुबह भतीजी ने बताई। वह सुबह गांव के ही महावीर रामधन और गजराज के साथ भाई को तलाश करता हुआ जा रहा था, पास के गांव के जंगल में ट्यूबवेल के पास खेत में भाई का शव पड़ा था। शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे। बिजेंद्र ने आरोप लगाया था कि हत्या रेशम ने साजिश करके की है। अभियोजन पक्ष ने इस मामले में 10 गवाह अदालत में पेश किए। मंगलवार को दोषी करार देने के बाद ऋषिपाल और हरेंद्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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