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उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मनोनीत किए 10 पार्षद, भाजपा नेताओं को दी गई तरजीह
दिल्ली न्यूज़: केंद्र सरकार की सिफारिश पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बुधवार को एमसीडी में 10 पार्षद मनोनीत कर दिए हैं। इसमें भाजपा नेताओं को तरजीह दी गई है। हालांकि, मेयर व डिप्टी मेयर चुनाव में मनोनीत पार्षदों की कोई भूमिका नहीं है। इनको सदन में वोट देने का अधिकार नहीं है,जबकि वार्ड समिति व स्थायी समिति में वोट दे सकते हैं। दिलचस्प यह कि उपराज्यपाल ने दिन भर में दो बार मनोनीत पार्षदों की अधिसूचना जारी की। सुबह अधिसूचना जारी होने के थोड़ी देर बाद ही इसे वापस ले लिया गया। शाम को फिर से संशोधित अधिसूचना जारी की। इसमें मनोनीत दो पार्षदों के नाम बदल दिए गए।
उपराज्यपाल ने एमसीडी में भाजपा के दाे पूर्व पार्षद, चार जिला अध्यक्ष, एक पूर्व जिला अध्यक्ष, एक जिला पदाधिकारी, एक किसान मोर्चा का राष्ट्रीय पदाधिकारी और एक विधानसभा चुनाव लड़ चुके नेता को पार्षद मनोनीत किया है। इनमें पूर्व पार्षद राजपाल राणा व सुनीत चौहान, जिला अध्यक्ष विनोद कुमार, राजकुमार भाटिया, मोहन गोयल व रोहताश कुमार, किसान मोर्चा में राष्ट्रीय स्तर पर पदाधिकारी मुकेश मान, विधानसभा चुनाव लड़ चुके लक्ष्मण आर्य, पूर्व जिला अध्यक्ष मनोज जैन व जिला पदाधिकारी संजय त्यागी शामिल हैं।
उपराज्यपाल की ओर से बुधवार की सुबह पार्षद मनोनीत करने की जारी की अधिसूचना में महेश सिंह तोमर व कमलजीत सिंह के नाम शामिल थे, लेकिन शाम को उनकी ओर से एमसीडी में पार्षद मनोनीत करने के मामले में एक अन्य अधिसूचना जारी की, जिसमें महेश सिंह तोमर की जगह सुनीत चौहान और कमलजीत सिंह के स्थान पर मनोज जैन को पार्षद मनोनीत किया गया।उपराज्यपाल ने एमसीडी जोन के नरेला व सिविल लाइन जोन में चार-चार और मध्य जोन में दो पार्षद मनोनीत किए है, जबकि एमसीडी में 12 जोन है।
दो के नाम पर थे मतभेद: सूत्रों के अनुसार भाजपा में दो मनोनीत पार्षदों के नाम पर मतभेद थे। इस कारण केंद्र सरकार से उनके स्थान पर दूसरे नेताओं को मनोनीत करने की मांग की गई। बताया जा रहा है कि एक नेता का नाम नरेला जोन के बजाए रोहिणी जोन की मतदाता सूची में था, जबकि भाजपा नरेला में पार्षद मनोनीत करना चाहती थी, जबकि दूसरे के नाम अन्य कारणों से हटाया गया।
हटाए जाने पर बिफरे नेता, नाराजगी जताई:
एमसीडी में पार्षद मनोनीत होने के बाद नाम हटाने के बारे में मालूम होने पर महेश सिंह तोमर पार्टी के प्रदेश कार्यालय पहुंचे। उन्होंने प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन के समक्ष नाराजगी जताई। इस दौरान उनके बीच कहासुनी भी हुई। उनके बीच नोकझोंक होने की आवाज कमरे के बाहर तक सुनाई दे रही थी। हालांकि, कुछ देर बाद महेश तोमर उनके कक्ष से बाहर आ गए और पार्टी कार्यालय से चले गए।
उपराज्यपाल ने असांविधानिक तरीके से मनोनीत किए पार्षद: आप
आम आदमी पार्टी ने एमसीडी में 10 पार्षद मनोनीत करने के मामले में उपराज्यपाल पर निशाना साधा है। आप नेता व विधायक आतिशी ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल ने बुधवार को एमसीडी में पार्षद मनोनीत करने के संबंध में असांविधानिक और गैरकानूनी अधिसूचना जारी की है। उन्होंने भाजपा के 10 कार्यकर्ताओं को पार्षद मनोनीत किया है। ये मनोनीत पार्षद एमसीडी का काम रोकेंगे।
आतिशी ने बुधवार को पार्टी कार्यालय में कहा कि एमसीडी में 10 पार्षदों को मनोनीत करने की प्रकिया हमेशा दिल्ली सरकार के माध्यम से हुई है, लेकिन इस बार उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार की अनदेखी की है। भाजपा के इशारे पर मंगलवार को उपराज्यपाल ने एमसीडी के आयुक्त को फोन करके मनोनीत पार्षदों की फाइल दिल्ली सरकार की अनदेखी करके सीधे अपने पास मंगाई, जबकि पहले इस तरह की फाइन दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग के पास जाती थी और विभाग की ओर से फाइल उपराज्यपाल के पास भेज दी जाती थी।