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LG वीके सक्सेना ने कहा- जिन्हे विवाद पसंद हैं वे करें, हमें जी-20 अच्छी तरह कराना है

Tara Tandi
3 Sep 2023 7:18 AM GMT
LG वीके सक्सेना ने कहा- जिन्हे विवाद पसंद हैं वे करें, हमें जी-20 अच्छी तरह कराना है
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जी-20 सम्मेलन के लिए राजधानी में तैयारी भी हाई प्रोफाइल है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं। ऐसे में पहले वैश्विक आयोजन की मेजबान बनने जा रही दिल्ली के उपराज्यपाल से अमर उजाला संवाददाता संतोष कुमार और नवनीत शरण ने तैयारियों पर विस्तार से बात की। पेश है इसके अंश...
LG वीके सक्सेना ने कहा, जिन्हे विवाद पसंद हैं वे करें, हमें जी-20 अच्छी तरह कराना,LG VK Saxena said, those who like controversies should do so, let us conduct G-20 well.
आयोजन के लिए दिल्ली कितनी तैयार है?
दिल्ली देश की राजधानी है। यहां इस तरह के आयोजन सप्ताह भर की तैयारी में हो जाने चाहिए, लेकिन दिल्ली इसके लिए तैयार नहीं थी। हमें काफी पहले से काम शुरू करना पड़ा। आज जहां हम खड़े हैं, हम कह सकते हैं कि दिल्ली के छोटे से बमुश्किल दस फीसदी हिस्से को इसके लिए तैयार कर लिया गया है। हमारी कोशिश है कि पूरी दिल्ली को इस तरह तैयार करें, लेकिन इसमें वक्त लगेगा। अभी जहां आयोजन होना है, वह क्षेत्र पूरी तरह से तैयार है।
आप शार्ट नोटिस पर कोई भी वैश्विक आयोजन करवाने की बात कर रहे हैं। इसके लिए कितना कुछ करना होगा?
दिल्ली के लिए अभी बहुत मेहनत करनी है। जो ढांचा बना है, उसे संभाले भी रखना है और बाकी दिल्ली को सजाना ही है। आयोजन के बाद 15 सितंबर से इस दिशा में युद्ध स्तर पर काम होगा। खराब सड़कों को ठीक करने, ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने, अतिक्रमण हटाने व शहर को सुंदर बनाने की मुहिम शुरू होगी। दिल्ली काफी बड़ी है। मिशन मोड में काम चल रहा है। जनता को आश्वासन दे रहा हूं कि बाकी दिल्ली भी इसी तरह चमचमाएगी।
शिखर सम्मेलन से दिल्ली को क्या फायदा मिलेगा?
दिल्ली की ब्रांडिंग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई है। किसी भी सिटी की ब्रांडिंग अपने आप में बड़ी बात होती है। विदेशी मेहमान शहर की सुंदरता व संस्कृति से अवगत होकर लौटेंगे। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। किसी शहर में बड़े आयोजनों से उसकी अर्थव्यवस्था और देश की छवि पर फर्क पड़ता है। देश की छवि बदलेगी।
कॉमनवेल्थ गेम्स में भी बहुत काम हुआ था, लेकिन सारे काम धूमिल हो गए?
अच्छा सवाल है। इस बार इसका इंतजाम है। जितनी भी योजनाएं हैं और काम संबंधित एजेंसी को सौंपे गए हैं, उन्हीं की जिम्मेदारी तय की गई है। वही इसका रखरखाव भी करेंगे। यह हमारी स्थायी संपत्ति है। इसे संजोकर रखना सभी की जिम्मेदारी है। कई स्थायी ढांचे तैयार किए गए हैं। ये सुनिश्चित किया जाएगा कि टूटे नहीं, बल्कि सहेज कर रखा जाए।
दिल्ली सरकार का कितना सहयोग मिला?
सभी एजेंसी ने सहयोग किया है। देश ही नहीं, विदेशी एजेसियों से भी बेहतर तालमेल है। इतना जरूर है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अभी तक जी-20 की तैयारी को लेकर आयोजित बैठकों में से सिर्फ एक बार शिरकत की है। उनके मंत्रियों ने तो इसकी भी जहमत नहीं उठाई। उनकी अपनी राजनीतिक मजबूरियां हैं। किसी का व्यवहार नहीं बदला जा सकता। दिल्ली के लिए सौभाग्य की बात है कि इतना बड़ा आयोजन हो रहा है। अभी मेरा मिशन है कि यह अच्छे से हो। इसका हम सभी ने संकल्प ले रखा है।
तैयारी को लेकर क्रेडिट लेने की होड़ है। क्या कहेंगे इस पर?
क्रेडिट या डेबिट के लिए काम नहीं किया जाता। दिल्ली सरकार की मजबूरी रही होगी राजनीति करने की। शुरुआत मुश्किल भरी रही, लेकिन अब सभी तैयारी पूरी है। किसी के माइंड सेट को नहीं बदला जा सकता। उन्हें विवाद पसंद है तो वे करें। भले ही शिवलिंग को लेकर ही है। उनकी यही सोच है तो करें। अगर दिल्ली सरकार ने पिछले 9 वर्षों में काम किया होता तो शहर में जी-20 की तैयारी के लिए कम प्रयास करने पड़ते। मेरा मानना है कि हमें साथ मिलकर काम करना चाहिए।
तरह-तरह की कलाकृतियां लगी हैं। इसके पीछे की सोच क्या है?
कलाकृतियों के पीछे भी गहरी सोच छिपी है। अगर कहीं शेर की कलाकृति है तो यह दर्शाने की कोशिश की गई है भारत अब शक्तिशाली देश है। घोड़े की कलाकृति जहां है उससे यह दर्शाया गया है कि केंद्र सरकार गति शक्ति की नीति पर आगे बढ़ रही है। जगह-जगह लगे फाउंटेन शांति देते हैं। दुनिया के जो भी विकसित शहर हैं वहां बड़ी संख्या में फाउंटेन देखने को मिलते हैं, जो दिल्ली में ऐसा देखने को नहीं मिला। वे जिसे शिवलिंग की आकृति वाले फव्वारे कह रहे हैं, वह मूर्तिकार की कल्पना है।
क्या रही सबसे बड़ी चुनौती?
सबसे बड़ी चुनौती शहर की गंदगी को दूर करना था। टूटी सड़कों की मरम्मत करना और हरियाली को फिर से स्थापित करना था। सड़कों से 15,000 टन से अधिक कूड़ा हटाया गया। शहर की अन्य सड़कों को जी-20 की तैयारियों के तहत शुरू की गई थी।
सम्मेलन के दौरान बारिश हुई तो क्या इंतजाम है?
भारी बारिश होती है, तो विभिन्न एजेंसियों की आकस्मिक योजना सक्रिय हो जाएगी। प्रगति मैदान के आसपास 60 मोबाइल हेवी ड्यूटी पंपिंग सेट तैनात किए जाने हैं। नालियों और भूमिगत भंडारण टैंकों के निर्माण के माध्यम से जलभराव वाले क्षेत्रों का ध्यान रखा गया है। एनडीआरएफ, पीडब्ल्यूडी, बाढ़ और सिंचाई विभाग जैसी एजेंसियों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अलर्ट पर रखा गया है। इतना बड़ा आयोजन दिल्ली में हो रहा है, इसलिए सराहना करने की जरूरत है न कि यह शिकायत करने की।
राजनीति नहीं, एलजी के साथ करना चाहते हैं काम : आतिशी
सम्मेलन को लेकर हम किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं करना चाहते। यह देश के सम्मान का विषय है। यह कहना है दिल्ली की लोक निर्माण विभाग मंत्री आतिशी का। अमर उजाला संवाददाता राकेश शर्मा से शनिवार को विशेष बातचीत में आतिशी ने बताया कि उपराज्यपाल हमारे बड़े हैं। हम उनके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं, लेकिन वे हमें बुलाते ही नहीं हैं।
अधिकारियों को बुलाकर बैठक करते हैं, हमें सूचना तक ही नहीं देते, जबकि सूचना देनी चाहिए। इसके बावजूद जी-20 को लेकर जो भी जिम्मेदारी सरकार पर है उन्हें ईमानदारी से पूरा किया गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में लोक निर्माण विभाग की सड़कों को चमकाया गया है। तीन साल से दिल्ली की सड़कों को सुंदर बनाने का काम किया जा रहा है। कुछ माह से इन पर हरियाली बढ़ाने की दिशा में काम किया गया।
वहीं, सारा काम केंद्र सरकार की ओर से करवाए जाने के विपक्ष के दावे पर आतिशी ने बताया कि दिल्ली में बहुत सारी एजेंसियां काम करती हैं। ऐसे में जो एजेंसी सीधे केंद्र सरकार के नियंत्रण में हैं, वहां का काम केंद्र सरकार की मदद से हुआ है। इसमें एनडीएमसी, दिल्ली छावनी, राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य शामिल हैं। ऐसा नहीं है कि सारा काम इन्हीं ने किया है। करीब 23 सड़कों पर लोक निर्माण विभाग और पुरानी दिल्ली क्षेत्र में साफ सफाई के लिए निगम ने भी काम किया है। इसके लिए फंड दिल्ली सरकार से मिला है। ऐसे में यह कहना कि सारा काम केंद्र सरकार ने किया गलत होगा। यह हम सभी का मिलकर किया गया प्रयास है। दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार ने 927 करोड़ रुपये मांगे थे, लेकिन उन्होंने नहीं दिए।
शिवलिंग लगाकर किया अपमान
आतिशी ने कहा कि दिल्ली छावनी क्षेत्र में शिवलिंग के फव्वारे लगाकर केंद्र सरकार ने लोगों की आस्था को आहत किया है। इस क्षेत्र में सौंदर्यीकरण का काम राष्ट्रीय राजमार्ग ने करवाया है। सौंदर्यीकरण में शिवलिंग का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। इसकी स्थापना पूरे विधि विधान से होती है। इस सौंदर्यीकरण को लेकर जनता में नाराजगी है। एलजी को इसमें अपनी गलती माननी चाहिए।
दिल्ली सरकार ने सजाईं सड़कें
आप सरकार दिल्ली को सजाने के लिए लंबे समय से काम कर रही है। हमने एयरपोर्ट से मोती बाग, राजघाट के पास, हौजखास के पास सड़कों का सौंदर्यीकरण करवाया है और आज हर कोई यहां घूमना चाहता है।
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