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नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की एक्साइज पॉलिसी की सीबीआई जांच हो सकती है, क्योंकि LG विनय कुमार सक्सेना ने इसकी सिफारिश कर दी है. सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियागत खामियों को लेकर इसकी सीबीआई जांच की सिफारिश की है.
सीबीआई के सूत्रों की मानें तो दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने एक्साइज पॉलिसी मामले में हुए कथित फर्जीवाड़ा की संभावनाएं देखते हुए जांच के लिए CBI को खत लिखा है. सूत्रों की मानें तो दिल्ली में शराब की दुकानों के लाइसेंस बांटने में धांधली का आरोप है.
CBI मुख्यालय के सूत्रों की मानें तो उपराज्यपाल सक्सेना के इस फैसले के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार के कुछ मंत्रियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इतना ही नहीं, शराब की दुकानों के लिए निर्गत लाइसेंस प्रणाली भी जांच के दायरे में आ सकती है. शराब की दुकानों के लिए करोड़ों रुपए कमीशन के लेनदेन का आरोप है.
माना जा रहा है कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के इस फैसले के बाद दिल्ली सरकार और एलजी के बीच तकरार और बढ़ सकती है. इससे पहले भी कई फाइल को लौटाने के मसले पर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच तकरार देखी जा चुकी है. उस वक्त भी तकरार देखने को मिली थी, जब एलजी ने अरविंद केजरीवाल की सिंगापुर यात्रा की मंजूरी नहीं दी थी.
दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिंगापुर दौरे के प्रस्ताव को मंजूरी देने से इनकार करने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ''ओछी राजनीति'' करने का आरोप लगाया था. आप विधायक आतिशी और दुर्गेश पाठक ने पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान दावा किया कि उपराज्यपाल ने केजरीवाल की विदेश यात्रा को मंजूरी नहीं दी, क्योंकि प्रधानमंत्री उनकी (केजरीवाल की) बढ़ती लोकप्रियता से 'डर' गए हैं.
दरअसलस, सिंगापुर सरकार ने अरविंद केजरीवाल को अगस्त के पहले सप्ताह में होने वाले 'वर्ल्ड सिटीज' शिखर सम्मेलन में शामिल होने का न्योता दिया है, लेकिन दिल्ली के उपराज्यपाल ने उनका अनुरोध यह कहते हुए वापस कर दिया कि महापौरों के सम्मेलन में उनकी मौजूदगी एक 'खराब मिसाल' स्थापित करेगी.