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एलजी निर्णय नहीं ले सके, अब फाइल वापिस लौटाएं, शिक्षकों को हम भेजेंगे फिनलैंड: दिल्ली सरकार
Rani Sahu
23 Feb 2023 1:02 PM GMT

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नई दिल्ली, (आईएएनएस)| दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि सरकारी शिक्षकों को ट्रेनिंग पर फिनलैंड भेजने की फाइल 20 जनवरी से एलजी के टेबल पर पड़ी है लेकिन अभी तक उनके द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। शिक्षा मंत्री का कहना है कि कानूनन एलजी किसी फाइल को 15 दिन से ज्यादा नहीं रोक कर रख सकते है लेकिन इसके बावजूद एलजी इसपर कोई निर्णय नहीं ले रहे है और एक महीने से ज्यादा समय से फाइल दबाकर बैठे हुए हैं।
सिसोदिया ने इस विषय में गुरुवार को बताया कि टीबीआर के तहत उपराज्यपाल का डिफरेंस ऑफ ओपिनियन व्यक्त करने समय खत्म हो गया है। इसलिए, संविधान और टीबीआर के नियमों के तहत शिक्षकों को फिनलैंड भेजने पर एलजी के निर्णय लेने का समय खत्म हो चुका है। इसलिए एलजी फाइल वापिस लौटाए ताकि हम अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेज सके।
सिसोदिया ने दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिखते हुए कहा है, आपके द्वारा शिक्षकों को फिनलैंड भेजने संबंधित फाइल में उठाए गए आपत्तियों को दो बार दूर करने के बाद, दोबारा 20 जनवरी 2023 को आपके पास फाइल भेजी गई। लेकिन एक महीने से ज्यादा होने के बावजूद आपके द्वारा इसपर कोई निर्णय नहीं लिया गया। इसी देरी की वजह से पहला बैच आपके द्वारा उठाए गए बार-बार के आपत्तियों के कारण नहीं जा सका। अब मार्च 2023 में शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजे जाने की फाइल आपके दफ्तर में में एक महीने से अधिक समय से लंबित है।
सिसोदिया ने नियमों का हवाल देते हुए कहा, शिक्षा एक स्थानांतरित विषय है और दिल्ली सरकार के पास इस पर विशेष कार्यकारी नियंत्रण है। उपराज्यपाल के पास शिक्षा के किसी भी मामले में कोई भी फैसला लेने की शक्ति नहीं है। हालांकि, यदि उपराज्यपाल किसी मंत्री के किसी भी फैसले से असहमत होते हैं, तो वह मामला राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं। लेकिन उससे पहले संविधान और व्यवहार विधिनियम नियम 1993 के अनुसार, उपराज्यपाल को संबंधित मंत्री के साथ चर्चा करके इसे सुलझाने का प्रयास करना होगा व मामले को मंत्रीपरिषद् के पास भेजना होगा और यदि यहाँ कोई निष्कर्ष नहीं निकलता तो फिर उपराज्यपाल इसे राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं।
सिसोदिया के मुताबिक 2022 से शिक्षकों को फिनलैंड भेजे जाने से संबंधित फाइल एलजी द़फ्तर में चक्कर काट रही है। इस बाद 2 बार स्पष्टीकरण मांगने के बहाने एलजी ने फाइल वापिस भेज दी। इस बारे में बात करने के लिए जब मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल अपने मंत्रियों और कुछ विधायकों के साथ एलजी से मिलने पहुंचे तो उन्होंने मिलने से मना कर दिया। उस दिन एलजी ऑफिस द्वारा मीडिया में कहा गया कि उन्होंने शिक्षकों को फिनलैंड भेजने से मना नहीं किया है। इसके बाद 20 जनवरी को उपमुख्यमंत्री दोबारा फाइल एलजी के पास भेजी। लेकिन फाइल भेजे हुए 1 महीने से ज्यादा हो चुके है लेकिन इसके बावजूद एलजी की ओर से अबतक इसपर कोई निर्णय नहीं लिया गया।
दिल्ली सरकार का कहना है कि इसलिए, संविधान और टीबीआर के नियमों के तहत शिक्षकों को फिनलैंड भेजने पर एलजी के निर्णय लेने का समय खत्म हो चुका है। इसलिए उपमुख्यमंत्री ने एलजी को फाइल वापिस लौटाने की बात कही है ताकि सरकार अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेज सके।
--आईएएनएस
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Rani Sahu
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