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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
Low Attendance : कुछ स्कूलों में तो 0.3 से लेकर 7.37 फीसदी तक ही उपस्थिति है। दिल्ली बाल संरक्षण अधिकार आयोग (डीसीपीसीआर) ने शिक्षा निदेशालय को इस संबंध में रिपोर्ट दी है। शिक्षा निदेशालय और डीसीपीसीआर के संयुक्त प्रयास से अरली वार्निंग सिस्टम तैयार किया था। इसके आधार पर जिलेवार स्कूलों की रिपोर्ट दी गई है।
दिल्ली के 59 सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जहां विद्यार्थियों की उपस्थिति 25 फीसदी से भी कम है, जबकि 19 स्कूलों में उपस्थिति आठ फीसदी से भी कम है। कुछ स्कूलों में तो 0.3 से लेकर 7.37 फीसदी तक ही उपस्थिति है। दिल्ली बाल संरक्षण अधिकार आयोग (डीसीपीसीआर) ने शिक्षा निदेशालय को इस संबंध में रिपोर्ट दी है। शिक्षा निदेशालय और डीसीपीसीआर के संयुक्त प्रयास से अरली वार्निंग सिस्टम तैयार किया था। इसके आधार पर जिलेवार स्कूलों की रिपोर्ट दी गई है।
रिपोर्ट के बाद शिक्षा निदेशालय ने स्कूल प्रमुखों को निर्देशित किया है कि वह इस बात को सुनिश्चित करें कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 100 फीसदी हो। बताया जा रहा है कि उपस्थिति कम होने का एक बड़ा कारण है कि कई स्कूलों में उपस्थिति लगाई ही नहीं गई है। कई स्कूलों को ऑनलाइन हाजिरी भरने में दिक्कत आ रही है, कहीं कुछ बच्चे गांव चले गए हैं, तो कुछ पारिवारिक कारणों से स्कूल नहीं आ रहे हैं।
नूर नगर के सर्वोदय बाल विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति 0.03 फीसदी है। जबकि मोलड़बंद के सर्वोदय कन्या विद्यालय में हाजिरी 0.15 फीसदी दर्ज हुई है। निदेशालय ने कहा है कि स्कूल में बच्चों की उपस्थिति सीधे उनकी शैक्षणिक प्रगति पर पड़ता है। ऐसेे में स्कूल प्रमुख बच्चों को रोजाना स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित करें। स्कूलों को कहा गया है कि इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि सौ फीसदी हाजिरी लगाई जाए।