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कोनरवा ने नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु महेश्वरी के साथ बैठक कर 10 बड़े मुद्दे उठाए
एनसीआर नॉएडा न्यूज़: कोनरवा ने बुधवार को नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी के साथ बैठक की।बैठक में संस्था ने सीईओ के सामने शहर 10 बड़े मुद्दे उठाए। इन मुद्दों पर 45 मिन्ट चर्चा की गई। जिसके बाद सीईओ ने इन पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। इस दौरान पीएस जैन, ब्रि अशोक हक, मनीश शर्मा, एमएलशर्मा, पीके अग्रवाल, किरन भरद्वाज, रविन्द्र के अहलूवालिया और वीवी बलेचा आदि उपस्थित रहे।
बैठक में इन 10 विषयों पर चर्चा की गई:
1. पीने योग्य पानी : उन्हें बताया गया कि 46 वर्षो के बाद भी शहर को पीने योग्य पानी नही मिल रहा है। गंगा वाटर में अन्डर ग्राउन्ड वाटर जिसका टीडीएस 1500 से 2500 तक है उसे मिक्स करने से गंगा वाटर जिसका टीडीएस 250 से 350 होता है और शुध पानी है। उसको खराब कर दिया जाता है। अतः मिक्स करने से पूर्व ग्राउन्ड वाटर को भी ट्रिटिड करके मिलया जाए तो पानी पीने योग्य बन सकता है। रेनिवैल व टयूब वैल की रोस्टर बना कर मेनटेन्स किया जाए और आपूर्ति किए जा रहे पानी की नियमित रोस्टर के अनुसार पाईपो की फ्लैसिंग की जाए तो मात्रा, प्रेशर में सुधार होगा।
2. वाटर हार्वेस्टिंग व्यवस्था : वाटर की हार्वेस्टिंग की दूरगामी योजना बना कर सुचारू और क्रियान्वित करवाई जानी चाहिए। जिसके लिए संस्था का सुझाव है कि सर्वप्रथम सभी सरकारी प्रतिस्ठानों, प्रशांसनिक कार्यालयों, कारपोरेट औफिस, आईटी औफिस, कम्युनिटि सेन्टर, मेरिज होम, सरकारी बंगले, कॉलेज, स्कूल, विश्वविद्यालय, हाउसिग सोसाईटिज, माल, पार्क, स्टेड़ियम, बस टर्मिनल, रेलवे स्टेशन और एयर पोर्ट आदि में क्षेत्रफल के अनुसार वाटर हार्वेस्टिंग कराए जानी चाहिए।
3. एलीवेटिड रोड : एलीवेटिड रोड पर भारी वाहनो की आवा जाही बढ गई है। जिसके कारण एलीवेटिड रोड़ पर कम्पन भी ज्यादा होने लगा है। जिससे किसी बड़ी दुर्घटना की सम्भावना बनी रहती है। इस समबंध में संस्था का सुझाव है कि ऐलिवेटिड रोड़ पर लो राईज बैरियर लगाया जाना चाहिए।
4.10 वर्षीय योजना : शहर के विकास व रखरखाव की कोई निश्चित योजना, आगामी 5 और 10 वर्ष की अभी तक नही बनाई गई है। साथ ही कोन सा कार्य को समय प्रणाली के अनुसार कब शुरू करना है और कब समाप्त करना है। उसका स्थाई रिकार्ड या प्रारूप प्राधिकरण द्वारा नही बनाया गया है। -
जैसे :- शहर के बड़े नालो की सफाई से इसके लिए दुरगामी योजना स्थाई रूप से बनाई जाए। जिसमें नालो की मरम्मत अन्दर व बाहर से, नालो की बाउन्डरी वाल की मरम्मत, नालो के अन्दर ढलान और नालो के ऊपर से कुड़ा नालो में न गिरे इसके लिए योजना बनाई जानी चाहिए, जिससे प्रति वर्ष यह समस्या न खड़ी हो। सेक्टरों की नालियों की मेनटेन्सि व डलान की नियमित रूप से सफाई और मेनटेन्सि होना चाहिए।
5. ग्रुप हाऊसिंग : सोसाईटियों में अतिक्रमण, अतिरिक्त फ्लोर आदि बनाए जाने की सुचनाऐं दिन प्रति दिन अखबारों में छपती है। इस समबंध में आपसे अनुरोध है कि आप प्राधिकरण स्तर से सभी सोसाईटियों में जांच कराने व अतिक्रमण और अतिरिक्त फ्लोर आदि मिलने पर उपयुक्त कार्यवाही करने का कष्ट करे। सोसाईटियों में मिलने आने वाले आगुन्तको की गाडीयॉ भी सोसाइटियो के परिसर में ही खड़ी कराई जानी चाहिए। जिससे सड़क पर आने-जाने वालो के लिए रूकावट नही होगी।
6. हाई पावर लाईन के निचे आने वाले पेड़ो की छटाई : शहर में काफी लम्बे समय से सेक्टरों में पेड़ो की छटाई का कार्य नही किया गया है। जिसके समबंध में आपको अवगत कराना है कि कई सेक्टरों में हाई पावर लाईन के निचे पेड़ लगे हुए है। कई जगह हाई पावर लाईन आवासिय प्लाट या हाऊस के सामने बनी ग्रीन बैल्ट में से गुजर रही है। जैसे सैक्टर 23 आदि में, जिनकी छटाई होना आवश्यक है।
7. रेहडी पटरी वालो का अतिक्रमण : शहर की सड़को, मार्किटो और सेक्टरों में रेहड़ी पटरी वालो के द्वारा अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। ये लोग फुटपाथ पर भी कब्जा कर लेते है। जिसके कारण पैदल चलने वालो को भी जगह नही मिल पाती है। इसलिए इनके लिए सही स्थान का चुनाव कर वहां पर इनके लिए वेन्डींग जोन बनाया जाना चाहिए और इन्हे वहां पर स्थापित किया जाना चाहिए।
8. सिंग्ल विन्डो सिस्टम : प्राधिकरण को अपने कार्यालय में सिंग्ल विन्डो सिस्टम के तहत कार्य किया जाना चाहिए। इससे आरडब्लूए के कार्यों को तेजी व समय के साथ पुर्ण करने में सहायाता होगी व प्राधिकरण और आरडब्लूए में समन्वय बढेगा।
9. सेक्टर-27 में कम्यूनिटि सेन्टर : सैक्टर 27 में कोई भी कम्यूनिटि सेन्टर नही है। अतः सेक्टर में कम्यूनिटि सेन्टर का निर्माण करवाया जाना चाहिए। जिससे सेक्टर के नागरिको को भी सुविधा का लाभ उठा सकेगे।
10. सब माल के निकट बनी पार्किग : सब माल के निकट बनी पार्किग के उपर पार्क बनाया जाना प्रस्तावित था। जो अभी तक भी नही बनवाया गया हे। यह पार्किग भी 15 वर्षो के लिए ही दि गई थी और इसका समय भी समाप्त हो चुका हैं।
साभार - महकार सिंह भाटी