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जानें क्या है कारण, पतंजलि की दवा कोरोनिल पर चल रही सुनवाई
न्यूज़क्रेडिट: न्यूज़18
नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पतजंलि की कोरोनिल दवा के उपयोग को लेकर विभिन्न चिकित्सक संगठनों की याचिका पर सुनवाई 30 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी. अदालत ने कहा कि न्यायिक औचित्य और अनुशासन को ध्यान में रखते हुए कार्यवाही को तब तक रोका जाए, जब तक कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कथित रूप से इसी तरह के मुद्दों के लंबित होने के संबंध में ''कुछ स्पष्टता'' नहीं हो.
न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित याचिका की एक प्रति हाईकोर्ट के समक्ष पेश की जाये, ताकि वह इस पर निर्णय ले सके कि क्या इस मामले में कोई समानता है और क्या उसे इस पर आगे बढ़ना चाहिए?
कई चिकित्सक संगठनों ने पिछले साल हाईकोर्ट का रुख कर यह आरोप लगाया था कि रामदेव जनता को यह कहकर गुमराह कर रहे हैं कि एलोपैथी कोविड-19 से संक्रमित कई लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार रही. याचिका में आरोप लगाया गया कि रामदेव यह दावा कर गलत जानकारी पेश कर रहे हैं कि पतंजलि की कोरोनिल कोरोना वायरस का इलाज है. संगठनों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अखिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें शीर्ष अदालत के समक्ष याचिका के तथ्यों के बारे में पता नहीं है. हालांकि, उन्होंने मामले को जनहित से जुड़ा बताकर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया.
वहीं, रामदेव की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पी.वी. कपूर ने कहा कि कार्यवाही को फिलहाल के लिए टाल दिया जाना चाहिए, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित मामला भी मौजूदा याचिका जैसा ही है. वहीं इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सख्त लहजे में बाबा रामदेव को कहा था कि वे गलत जानकारी देकर लोगों को गुमराह नहीं कर सकते हैं. इस दौरान हाई कोर्ट ने कहा था बिना तथ्य के भ्रम फैलाना बंद कीजिए.
न्यूज़क्रेडिट: न्यूज़18