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यूएन में रूस-यूक्रेन तनाव के मुद्दे पर भारत ने क्या कहा, जानिए

Renuka Sahu
1 Feb 2022 1:09 AM GMT
यूएन में रूस-यूक्रेन तनाव के मुद्दे पर भारत ने क्या कहा, जानिए
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फाइल फोटो 

यूक्रेन संकट पर बुलाई गई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत (India) ने कूटनीतिक वार्ताओं और शांतिपूर्ण प्रयासों के जरिए समाधान का आग्रह किया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूक्रेन संकट (Ukraine Conflict) पर बुलाई गई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत (India) ने कूटनीतिक वार्ताओं और शांतिपूर्ण प्रयासों के जरिए समाधान का आग्रह (Request) किया है.

यूएन (UN) में भारत के स्थाई प्रतिनिधि रूस, जो बाइडेन, अमेरिका, यूक्रेन, टीएस तिरुमूर्ति, यूक्रेन संकट, रूस-यूक्रेन तनाव, Russia, Joe Biden, US, Ukraine, TS Tirumurti, Ukraine crisis, Russia-Ukraine tension,

ने कहा, "भारत की दिलचस्पी एक ऐसा समाधान खोजने में है जो तनाव को तत्काल कम करने में मदद कर सके. हम संबंधित पक्षों के भी संपर्क में हैं."
उन्होंने आगे कहा, "हम सभी पक्षों से सभी राजनयिक चैनलों के माध्यम से जुड़ना जारी रखने और "मिन्स्क पैकेज" के पूर्ण कार्यान्वयन की दिशा में काम करते रहने का आग्रह करते हैं."
तिरुमूर्ति ने आगे कहा, "हम मिन्स्क समझौते और नॉरमैंडी प्रारूप सहित चल रहे प्रयासों का स्वागत करते हैं. हम जुलाई 2020 के युद्धविराम के बिना शर्त पालन और मिन्स्क समझौते की पुन: पुष्टि का भी स्वागत करते हैं. हम दो सप्ताह में बर्लिन में मिलने के लिए उनके समझौते का भी स्वागत करते हैं."
बता दें कि भारत, रूस और अमेरिका के बीच हो रही बातचीत और नोर्मंडी फॉर्मेट और मिन्स्क समझौते पर हो रही वार्ताओं पर नज़र बनाए हुए है. भारत के 20 हज़ार से ज़्यादा छात्र यूक्रेन में हैं और उनमें से कई सीमावर्ती इलाकों के शहरों में भी हैं. तिरुमूर्ति ने कहा कि भारतीय नागरिकों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है.
गौरतलब है कि रूस के यूक्रेन की सीमा के निकट लगभग एक लाख सैनिकों की तैनाती की खबर है. रूस ने इस बात से इनकार किया है कि वह यूक्रेन पर हमला करने की योजना बना रहा है.
वहीं भारत ने सोमवार को यूक्रेन सीमा पर स्थिति पर चर्चा के लिए होने वाली बैठक से पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रक्रियात्मक मतदान में हिस्सा नहीं लिया. यूक्रेन मुद्दे पर चर्चा के लिए सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक हुई. बैठक से पहले, रूस, एक स्थायी और वीटो-धारक सदस्य, ने यह निर्धारित करने के लिए एक प्रक्रियात्मक वोट का आह्वान किया कि क्या खुली बैठक आगे बढ़नी चाहिए.
रूस और चीन ने बैठक के खिलाफ मतदान किया, जबकि भारत, गैबॉन और केन्या ने हिस्सा नहीं लिया. नॉर्वे, फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, आयरलैंड, ब्राजील और मैक्सिको सहित परिषद के अन्य सभी 10 सदस्यों ने बैठक के चलने के पक्ष में मतदान किया.
बैठक को आगे बढ़ाने के लिए परिषद को केवल नौ वोटों की आवश्यकता थी. परिषद के 10 सदस्यों के बैठक के पक्ष में मतदान करने के साथ यूक्रेन की सीमा पर स्थिति पर बैठक आगे बढ़ी.


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