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जानिए इनके और भी कारनामे, फर्जी इंडियन वीजा बनाने वाले दो अफ्रीकी अरेस्ट
नई दिल्ली : क्राइम ब्रांच की डब्लूआर-1 यूनिट (WR-1 Unit of Crime Branch) ने दो ऐसे अफ्रीकियों को गिरफ्तार (2 Africans Arrested) करने में कामयाबी पाई है, जो फर्जी इंडियन वीजा (Fake Indian VISA) बनाने के साथ, बैंक लोन, गिफ्ट दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी की वारदात (Bank Loan Fraud) को अंजाम देते थे. इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान Ortega Leonard और Diomande Ali के रूप में हुई है. ये अफ्रीका के रिपब्लिक ऑफ घाना और रिपब्लिक ऑफ D'Ivoire के रहने वाले हैं.डीसीपी विचित्र वीर (DCP Vichitra veer) के अनुसार, इनके पास से 1 लैपटॉप, जिसमे ब्लैंक फॉर्मेट, फेक वीजा का ड्राफ्ट, 1 कलर प्रिंटर, ब्लैंक वीजा प्रिंटिंग शीट, फर्जी वीजयुक्त 6 पासपोर्ट, भारतीय एकाउन्ट के 28 एटीएम कार्ड, बैंक पासबुक और 11 मोबाइल बरामद किया गया है. इन्होंने अब तक लगभग 1 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया है.डीसीपी ने बताया कि एसीपी डब्लूआर 1, राज कुमार की देखरेख में क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर सतीश कुमार के नेतृत्व में एएसआई सुरेश कुमार, रणधीर सिंह, हेड कॉन्स्टेबल प्रवीण और अन्य की टीम का गठन कर उन इलाकों में निगरानी और पेट्रोलिंग के लिए लगाया गया था, जहां अफ्रीकियों की संख्या बहुल है. साइबर क्राइम, चीटिंग और ड्रग्स आदि के धंधे में लिप्त अफ्रीकियों पर नजर रखने के दौरान पुलिस को यह सफलता मिली है।पुलिस को सूत्रों से दो अफ्रीकियों के बारे में जानकारी मिली जो निलोठि एक्सटेंशन के चंदर विहार के इलाके में रहते थे. ये खुद ही एक तो अवैध रूप से इंडिया में रह ही रहे थे, साथ ही फर्जी इंडियन वीजा बना कर ये उन अफ्रीकियों की भी मदद कर रहे थे, जिनका वीजा एक्सपायर हो चुका था.
इस जानकारी पर प्रतिक्रिया करते हुए पुलिस टीम ने छापेमारी कर दोनों आरोपियों को दबोच लिया. इनके पास से लैपटॉप में फर्जी वीजा का फॉर्मेट, प्रिंटर, 11 मोबाइल, 28 भारतीय बैंक एकाउंट के पासबुक और एटीएम कार्ड आदि बरामद किया गया है. इससे ये ठगी की रकम की निकासी करते थे.पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया है कि 2018 में ये 3 महीने के टूरिस्ट वीजा पर इंडिया आये थे, लेकिन वीजा एक्सपायर होने के बाद भी ये वापस नहीं लौटे. आगे उन्होंने बताया कि वे फर्जी वीजा बना कर उन अफ्रीकियों को देते थे, जिनका वीजा एक्सपायर हो चुका था. इसके लिए ये 4 से 5 हजार रुपये प्रति वीजा चार्ज करते थे. अब तक उन्होंने 30 से ज्यादा फर्जी वीजा बना कर उन अफ्रीकियों को दिया है, जिनका वीजा एक्सपायर हो चुका था.
इस मामले में पुलिस दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और बरामद लैपटॉप, बैंक पासबुक, एटीम और मोबाइल के डेटा का विश्लेषण कर ठगी के रकम का पता लगाने और आगे की जांच में जुट गई है. अब तक कि जांच में लगभग 1 करोड़ रुपये की ठगी का पता चला है.