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जानिए कैसे मिली सफलता, पुलिस ने मर्डर मिस्ट्री का किया खुलासा
नई दिल्ली/गाजियाबाद: जनपद के कविनगर थाना क्षेत्र के नासिरपुर फाटक इलाके में 14 जुलाई को पुलिस को एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिलाा. शव ट्रॉली पर पड़ी हुई थी. इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की. मौके से पुलिस को किसी तरह का सुराग नहीं मिला. पुलिस ने थोड़ी दूरी तक पूछताछ की तो पुलिस को एक मोबाइल नंबर मिला. उस मोबाइल नंबर पर पुलिस ने फोन किया तो वह पिंटू यादव नाम के व्यक्ति के घर का मोबाइल नंबर था. जानकारी करने पर पता चला कि पिंटू यादव का घर यूपी के शाहजहांपुर में है.
इसके बाद पुलिस ने उन्हें बताया कि एक लाश उन्हें मिली है जिसके बाद पिंटू यादव के परिवार वाले आए और शव की शिनाख्त हुई. शव पिंटू यादव की थी. मगर पुलिस के पास और कोई सुराग नहीं था. पता यह चला कि पिंटू यादव कोई मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं करता था. इसके अलावा मौके पर किसी और मोबाइल नंबर की लोकेशन भी घटना के समय नहीं मिली थी. ऐसे में पुलिस के लिए चुनौती था. एक मोबाइल नंबर के माध्यम से पुलिस को यह तो पता चल गया था कि शव पिंटू यादव की है मगर हत्यारे कौन है यह जानना बेहद जरूरी था.
पुलिस ने आगे की जानकारी की तो पता चला कि पिंटू दबंग किस्म का व्यक्ति था और उसका व्यवहार लोगों से अच्छा नहीं लगता था. अपनी दबंगई से वह लोगों से रुपए छीन कर शराब का सेवन करता था. इसी एंगल पर पुलिस ने जांच पड़ताल आगे की और घटना के समय उस इलाके के आसपास के लोगों से पूछताछ की. मौके पर कोई सीसीटीवी भी नहीं था जिससे कोई सुराग नहीं मिल रहा था. पूछताछ में दो धुंधले चेहरे पुलिस के सामने आए बस फिर क्या था पुलिस शाहजहांपुर जा पहुंची जहां से श्याम भैया नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया. उसके साथी को बुलंदशहर से गिरफ्तार किया गया जिसका नाम प्रेम किशोर है.
इन दोनों पर ही पिंटू यादव की हत्या करने का आरोप है. पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि पिंटू उनसे उनके रुपए छीनकर शराब पी जाया करता था. वह लगातार परेशान हो गए था. इसके चलते उन्होंने गला घोटकर पिंटू की हत्या कर दी. आमतौर पर किसी भी केस को खोलना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होता है लेकिन मौके पर जब सीसीटीवी और किसी भी मोबाइल फोन की गतिविधि ना हो तो केस उलझ जाता है. मगर अपराधी कितना भी शातिर क्यों ना हो पुलिस उस तक पहुंच जाती है. यह केस भी इसी बात का उदाहरण है.