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साइबर सिटी तकनीक के मामले में जितनी तेजी से आगे बढ़ी जानिए

Admin4
26 Aug 2022 3:13 PM GMT
साइबर सिटी तकनीक के मामले में जितनी तेजी से आगे बढ़ी जानिए
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

साइबर सिटी तकनीक के मामले में जितनी तेजी से आगे बढ़ी है, उतनी ही तेजी से जालसाजों का यहां नेटवर्क भी बढ़ा है। स्थिति यह है कि जिले में रोजाना औसतन 38 लोग किसी न किसी तरह से साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। इनमें से अलग-अलग तरह की वारदातें शामिल हैं, जिसमें अपनी पहचान छिपाकर किए जाने वाले अपराधों के मामले (इंपर्सन ओरिएंडेट क्राइम) सबसे ज्यादा हैं। इस तरह के मामले लगातार बढ़ ही रहे हैं।

पुलिस के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले छह माह में (1 जनवरी से 31 जुलाई तक) ही जिले में साइबर ठगी के 6898 मामले सामने आ चुके हैं। इस तरह से प्रति माह 1149 लोगों से ठगी की गई है और रोजाना 38 लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। इतना ही नहीं पिछले साल के आंकड़े भी इस साल के मुकाबले कुछ ज्यादा अलग नहीं हैं। पिछले साल (2021 में) साइबर ठगी के कुल 11279 मामले सामने आए थे। इस तरह से पिछले साल भी साइबर ठगी के रोजाना 30 मामले सामने आए थे।

साइबर सिटी में चल रहे चार साइबर थाने

यही वजह है कि साइबर सिटी में अब साइबर पुलिस स्टेशन (थानों) की संख्या बढ़ाकर एक से चार कर दी गई है। ईस्ट जोन का साइबर थाना डीएलएफ फेज-5 में, वेस्ट जोन का साइबर थाना पालम विहार में, साउथ जोन का सेक्टर-65 थाने के पुराने भवन में व मानेसर जोन का थाना डीसीपी मानेसर कार्यालय में संचालित है। हालांकि, इनमें से अधिकांश मामले डीएलएफ फेज-5 साइबर थाने में ही दर्ज होते हैं।

इस तरह से करते हैं ठगी

ठगी के लिए आज सबसे ज्यादा ऑनलाइन लिंक का उपयोग किया जा रहा है। इसके तहत साइबर ठग लिंक पर क्लिक करने के लिए कहते हैं। लिंक पर क्लिक करते ही फोन का एक्सेस मिल जाता है। इतना ही नहीं फाइल एसेस की परमिशन मिलने पर ठग मोबाइल से फोटो, वीडियो और कांटेक्ट तक निकाल लेते हैं। इसके बाद ही पैसे मांगने का खेल शुरू होता है। पैसे न मिलने पर फोटो मार्फ कर पोर्न साइट्स पर अपलोड करने की धमकी देते हैं। वहीं, फेसबुक व अन्य मीडिया प्लेटफार्म पर जालसाज महिलाओं के जरिए वीडियो कॉल कर न्यूड फोटो व वीडियो बना लेते हैं और फिर ब्लैकमेल करते हैं।

बरतें सावधानी

- किसी भी अंजान स्रोत से आए मैसेज के लिंक पर क्लिक न करें।

- इंटरनेट पर उपलब्ध हेल्पलाइन नंबर का सावधानी से उपयोग करें।

- इंटरनेट पर उपलब्ध हर किसी लिंक पर क्लिक करने से बचें।

- व्हाट्सएप पर सिर्फ अपने कांटेक्ट को ही ग्रुप में ऐड करने की परमिशन दें।

- अंजान नंबरों व फेसबुक पर आने वाली वीडियो कॉल को एक्सेप्ट न करें।

- सोशल मीडिया अकाउंट का पासवर्ड स्ट्रांग रखें और नियमित रूप से बदलें।

- हैकर्स से बचने के लिए पेमेंट करते समय पब्लिक वाई-फाई यूज न करें।

- किसी भी तरह की साइबर ठगी होने पर 1930 पर शिकायत करें।

पिछले छह माह में आए मामले :

सोशल मीडिया रिलेटेड क्राइम - 895

इंपर्सन ओरिएंडेट क्राइम - 2653

सिम स्वैप व ई सिम फ्रॉड - 1

सेक्सटॉर्शन फ्रॉड - 36

साइबर लोन फ्रॉड - 400

अदर साइबर क्राइम - 2925

एटीएम क्लोन फ्रॉड - 37

कुल साइबर क्राइम - 6898

साइबर अपराधों को रोकने के लिए कमिश्नरी के सभी जोन में पुलिस स्टेशन स्थापित किए गए हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस समय-समय पर अभियान चलाती रहती है। लोगों से अपील है कि साइबर क्राइम की धोखाधड़ी होने के बाद टोल फ्री नंबर पर अवश्य शिकायत करें।


न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

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