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जानें कहां तक पहुंची एनईपी, यूपी में उच्च शिक्षा में सुधार के लिए हार्वर्ड विवि. के विशेषज्ञ करेंगे मदद

Admin4
21 Aug 2022 9:27 AM GMT
जानें कहां तक पहुंची एनईपी, यूपी में उच्च शिक्षा में सुधार के लिए हार्वर्ड विवि. के विशेषज्ञ करेंगे मदद
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन प्रो. एम जगदीश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के तहत राज्य सरकारों ने उच्च शिक्षा में बदलाव को लेकर काम शुरू कर दिया है। शिक्षा मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद मिलकर इसे लागू करवाने में मदद कर रहा है।

उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा में सुधार को लेकर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ मदद करेंगे। वहीं, हरियाणा के सरकारी कॉलेजों में अब स्नातकोत्तर तक लड़कियों को मुफ्त शिक्षा मिलेगी। हिमाचल सरकार एससी, एसटी, ओबीसी व एसईडीजी वर्ग की छात्राओं को मुफ्त शिक्षा देगी। धर्मशाला में बीते महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मुख्य सचिवों की बैठक में राज्यों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू करने की जानकारी दी थी। इसके बाद हरियाणा, हिमाचल, यूपी, उत्तराखंड समेत सभी राज्यों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी ) लागू करने की रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन प्रो. एम जगदीश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के तहत राज्य सरकारों ने उच्च शिक्षा में बदलाव को लेकर काम शुरू कर दिया है। शिक्षा मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद मिलकर लागू करवाने में मदद कर रहा है। अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक केरल, गुजरात, अंडेमान व निकोबार द्वीप समूह, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, झारखंड, ओडिसा, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र, दादर व नगर हवेली, दमन व दीव, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड समेत अन्य राज्य व संघ शासित प्रदेशों ने उच्च शिक्षा में बदलाव को लेकर काम शुरू कर दिया है।

स्नातक तक मातृभाषा में पढ़ाई

मातृभाषा को बढ़ावा देने के लिए स्नातक प्रोग्राम तक पढ़ाई दो भाषओं में होगी। यानी छात्र को मातृभाषा चुनने का विकल्प रहेगा। ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोला जाएगा। संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी वाराणसी ज्योतिषशास्त्र, कर्मकांड, वास्तु शास्त्र में ऑनलाइन कोर्स शुरू करेगा। विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में ई-लर्निंग पार्क, इंक्यूवेशन सेंटर, इनोवेशन हब और ई-कंटेंट स्टूडियो स्थापित किए जाएंगे। आठ लाख छात्रों को तकनीक से जोड़ने के लिए टेक्नोलॉजी पोर्टल पर पंजीकृत किया जा रहा है। वहीं, अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी यूपी के कॉलेजों के छात्रों को इंटनेशनल स्तर की पढ़ाई, गुणवत्ता से जोड़ने पर काम करेंगे।

गुजरात में जरूरतमंद छात्रों की पढ़ाई, रहना-खाना मुफ्त

गुजरात सरकार ने एनईपी को लागू करने के लिए शार्ट टर्म, मिड-टर्म और लांग टर्म पॉलिसी तैयार की है। इसमें सरकारी कॉलेजों पर फोकस किया गया है। गरिमा (गुजरात एक्रीडिटेशन एंड रैंकिंग इंस्टीट्यूशन मेकेनिज्म एंड अरेंजमेंट ) सेल में कॉलेजों को मान्यता देने से लेकर रैंकिंग में सुधार होगा। उच्च् शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता से लेकर अकादमिक सुधार शामिल है। वहीं, आरक्षित वर्ग व जरूरतमंद परिवारों के छात्रों की पढ़ाई, रहने और खाना की फीस माफ होगी। इसके लिए बाकायदा पूरी योजना तैयार की गई है।

हरियाणा में हॉस्टल में 20 फीसदी सीट एससी छात्रों के लिए आरक्षित

हरियाणा सरकार ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के हॉस्टल में 20 फीसदी सीट एससी वर्ग के छात्रों के लिए आरक्षित करने का फैसला लिया है। वहीं, एससी वर्ग के छात्रों को स्नातकोत्तर तक कोई ट्यूशन फीस नहीं ली जाएगी। इसके साथ छात्राओं के लिए स्नातकोत्तर तक पढ़ाई मुफ्त कर दी है। इंजीनियरिंग प्रोग्राम की कंप्यूटर सांइस और मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी माध्यम से होगी। आठ विश्वविद्यालयों में चार वर्षीय डिग्री व रिसर्च प्रोग्राम को मंजूरी दी गई है। यहां पर बहुविकल्पीय शिक्षा का मौका मिलेगा। आंत्रप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए चार एक्सीलेंस सेंटर, पांच इंक्यूबेशन सेंटर खोले जाएंगे। वहीं, ई-कर्मा में आत्म निर्भरता, नौकरी को बढ़ावा देने पर काम होगा।

हिमाचल में आरक्षित वर्ग की छात्राओं को मुफ्त शिक्षा

हिमाचल प्रदेश सरकार एससी, एसटी, ओबीसी व एसईडीजी वर्ग के छात्रों के लिए स्कॉलरिशप व शिक्षा में आर्थिक मदद की जाएगी, यानी मुफ्त शिक्षा मिलेगी। इसके अलावा सरकारी कॉलेजों में छात्राओं को कोई फीस नहीं देनी चाहिए। रिसर्च व इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री शोध प्रोत्साहन योजना में तीन साल तक 36 हजार रुपये तक सहायता मिलेगी। इसके अलावा उच्च शिक्षण संस्थानों में ड्रोन से संबंधित कोर्स आदि को मंजूरी दे दी गई है।

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