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नई दिल्ली (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजधानी के कंझावला मामले में दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को एफआईआर में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 201 (सबूतों को नष्ट करना) को जोड़ा।
पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने सबूत नष्ट करने की कोशिश की, इसलिए एफआईआर में धारा 201 जोड़ी गई है।
गुरुवार को एक अन्य घटनाक्रम में, एक स्थानीय अदालत ने पांचों आरोपियों की पुलिस हिरासत चार और दिनों के लिए बढ़ा दी।
आरोपियों की पहचान दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण, मिट्ठू और मनोज मित्तल के रूप में हुई है। अमित (25) उत्तम नगर में एसबीआई कार्ड बनाने का काम करता है। कृष्ण (27) स्पेनिश कल्चर सेंटर में काम करता है। मिथुन (26) हेयरड्रेसर है, जबकि मनोज मित्तल (27) सुल्तानपुरी में राशन डीलर है, जो एक स्थानीय बीजेपी नेता भी है।
शुरूआत में, आईपीसी की धारा 304-ए (लापरवाही से मौत का कारण) और 279 (तेज ड्राइविंग) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। बाद में, पीड़ित के परिवार के सदस्यों के विरोध के बाद, पुलिस ने एफआईआर में आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 120-बी (आपराधिक साजिश) को जोड़ा।
--आईएएनएस
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