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जूही चावला को दिल्ली HC की फटकार, जज बोले- 6 महीने पुराने आदेश पर अब अपील की याद आई, जानें पूरा मामला

Renuka Sahu
24 Dec 2021 1:38 AM GMT
जूही चावला को दिल्ली HC की फटकार, जज बोले- 6 महीने पुराने आदेश पर अब अपील की याद आई, जानें पूरा मामला
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दिल्ली हाई कोर्ट ने 5जी वायरलेस नेटवर्क टेक्नोलॉजी के खिलाफ अभिनेत्री जूही चावला की अपील पर सुनवाई के लिए 25 जनवरी की तारीख तय की है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली हाई कोर्ट ने 5जी वायरलेस नेटवर्क टेक्नोलॉजी के खिलाफ अभिनेत्री जूही चावला (Juhi Chawla) की अपील पर सुनवाई के लिए 25 जनवरी की तारीख तय की है. कोर्ट ने जूही चावला की अपील पर कहा कि मामले पर तत्काल सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है. बता दें कि अभिनेत्री ने 5जी नेटवर्क से इंसान, जानवरों और वनस्पतियों पर रेडिएशन के दुष्प्रभाव का दावा करते हुए सिंगल बेंच के फैसले को डबल बेंच में चुनौती दी है.

सिंगल बेंच ने लगाया था 20 लाख रुपये का जुर्माना
दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) की एकल पीठ ने जून में 5जी सेवा के खिलाफ जूही चावला (Juhi Chawla) की याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि याचिकाकर्ता ने कानूनी प्रक्रिया का इस्तेमाल पब्लिसिटी स्टंट के लिए किया है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने जूही चावला समेत अन्य याचिकाकर्ताओं पर 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था और कहा था कि ये याचिका लगाकर याचिकाकर्ता ने कोर्ट का समय बर्बाद किया है.
सिंगल बेंच के फैसले के 6 महीने बाद अपील
जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की पीठ ने गुरुवार को याचिका की सुनवाई के लिए 25 जनवरी की तारीख तय करते हुए कहा कि उससे पहले सुनवाई के लिए कई मामले सूचीबद्ध हैं और यह अपील जिस फैसले से संबंधित है, वह छह महीने पहले सुनाया गया था. पीठ ने कहा, 'यह आदेश जून में दिया गया था. आप अब अपील कर रहे हैं. छह महीने बाद.' इस पर जूही चावला के वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि यह एक 'दुर्भाग्यपूर्ण' मामला है. उन्होंने अदालत से सुनवाई की तारीख जल्दी देने का आग्रह किया.
याचिकाकर्ताओं ने 5जी तकनीक को बताया खतरा
अपीलकर्ताओं ने एक बार फिर 5जी टेक्नोलॉजी के हानिकारक प्रभाव के बारे में अपनी चिंताओं को दोहराया और कहा, 'हर दिन जब 5जी टेस्टिंग को जारी रखने की अनुमति दी जाती है, तो यह उस क्षेत्र के आसपास रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिए एक विशिष्ट और आसन्न खतरा उत्पन्न करता है.'
न्यायमूर्ति जेआर मिढ़ा ने इस साल जून में याचिका खारिज करते हुए कहा था कि जिस वाद में 5जी प्रौद्योगिकी के कारण स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बारे में सवाल उठाए गए हैं, वह 'सुनवाई योग्य नहीं है' और यह 'अनावश्यक चौंका देने वाले, तुच्छ और परेशान करने वाले बयानों से भरा हुआ है', जो खारिज किए जाने योग्य हैं.
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