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जेएनयू: बीबीसी डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग रद्द करने का निर्देश, पालन न होने पर हो सकती है कार्रवाई

Rani Sahu
23 Jan 2023 5:55 PM GMT
जेएनयू: बीबीसी डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग रद्द करने का निर्देश, पालन न होने पर हो सकती है कार्रवाई
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नई दिल्ली, (आईएएनएस)| जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ने छात्रों को कैंपस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संबंधित बीबीसी की एक डाक्यूमेंट्री 'इंडिया, द मोदी क्वेश्चन' की स्क्रीनिंग को रद्द करने को कहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि कैंपस में ऐसी अनाधिकृत गतिविधियों से विश्वविद्यालय की शांति और सद्भाव भंग हो सकती है। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से कहा है कि इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के कार्यक्रम को तुरंत रद्द कर दें, ऐसा न करने पर विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
दरअसल विश्वविद्यालय में छात्रों का एक गुट इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करना चाहता है। इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के इस गुट ने से डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया द मोदी क्वेश्चन' की स्क्रीनिंग को रद्द करने को कहा है। जेएनयू के छात्रों का यह ग्रुप 24 जनवरी को डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करना चाह रहा है।
गौरतलब है कि इससे पहले भारत सरकार, बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को प्रधानमंत्री और देश के खिलाफ प्रोपेगेंडा बता चुका है। विदेश मंत्रालय इस संबंध में कह चुका है कि हम नहीं जानते कि डॉक्यूमेंट्री के पीछे क्या एजेंडा है, लेकिन यह निष्पक्ष नहीं है, यह दुष्प्रचार है।
भारत के विदेश मंत्रालय का इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर कहना है कि यह डॉक्यूमेंट्री भारत के खिलाफ एक खास किस्म के दुष्प्रचार का नरेटिव चलाने की कोशिश है। डॉक्यूमेंट्री में दिखता है कि इससे जुड़े हुए लोग और संगठन खास किस्म की सोच रखते हैं, क्योंकि इसमें फैक्ट ही नहीं हैं। यह औपनिवेशिक यानी गुलामी की मानसिकता को दशार्ती है। हम नहीं जानते कि इसके पीछे का एजेंडा क्या है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस संदर्भ में एडवाइजरी जारी करते हुए छात्रों से कहा है कि यह संज्ञान में आया है कि छात्रों के एक समूह ने जेएनयूएसयू के नाम पर एक डॉक्यूमेंट्री, फिल्म इंडिया द मोदी क्वेश्चन की स्क्रीनिंग के लिए एक पैम्फलेट जारी किया है, जो 24 जनवरी, 2023 को रात 9: बजे निर्धारित किया गया है। इस कार्यक्रम के लिए जेएनयू प्रशासन से कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई है। यह इस बात पर जोर देने के लिए है कि इस तरह की अनधिकृत गतिविधि से विश्वविद्यालय परिसर की शांति और सद्भाव भंग हो सकता है। संबंधित छात्रों व व्यक्तियों को ²ढ़ता से सलाह दी जाती है कि प्रस्तावित कार्यक्रम को तुरंत रद्द कर दें, ऐसा न करने पर विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
--आईएएनएस
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