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जीवनसाथी.कॉम ठगी मामला: नाइजीरियन गैंग भी ऑन लाईन प्यार में लिप्त, साइबर पुलिस ने किया पर्दाफाश
दिल्ली क्राइम न्यूज़: जीवनसाथी.कॉम पर भी ठगी करने वाले अंतर्राज्जीय और अंतर्राष्ट्रीय गैंग सक्रिय है,जो प्यार और शादी करने के वादे करके आपके खाते रखे हजारों लाखों रुपये गिफ्ट देने के बहाने ठग रहे हैं। रोहिणी साइबर थाना पुलिस ने एक ऐसे ही नाइजीरियन गैंग का पर्दाफाश किया है। जिसके दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान दोराह म्वांगेमी मम्बोगा उर्फ डेजी और ननकी इनोसेंट के रूप में हुई। आरोपियों के कब्जे से तीन वाईफाई डोंगल, एक लैपटॉप, 11 मोबाइल फोन, 12 सिम कार्ड, तीन एटीएम कार्ड और एक पासपोर्ट बरामद किया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। जिला पुलिस उपायुक्त प्रणव तयाल ने बताया कि गैंग कस्टम क्लीयरेंस के बहाने भोले-भाले लोगों को ठगा करते थे। गिरोह वैवाहिक साइटों पर अपना शिकार तलाश करता और उनसे जीवन साथी बनाने का झांसा देकर उनको उपहार देने के बहाने ठग लिया करता था। रोहिणी साइबर थाना पुलिस को एक ऑनलाईन ठगी होने की शिकायत मिली थी। शिकायतकर्ता महिला डॉ किरण जोशी ने बताया कि बीते 28 फरवरी 2022 को उन्होंने वैवाहिक साइट जीवनसाथी डॉट कॉम पर अपना पंजीकरण कराया। जबकि दो मार्च को साइड पर एक युवक ने उससे संपर्क किया। जिसने खुद को ऐंट्री अस्पताल, लिवरपूल, यूनाइटेड किंगडम में एक प्लास्टिक सर्जन बताया। युवक ने बताया कि वह मूलरूप से फरीदाबाद, हरियाणा का रहने वाला है। इसके बाद उसने शिकायतकर्ता से यूके के नंबरों से व्हाट्सएप पर चैट करना शुरू कर दिया। 12 मार्च को युवक ने उससे संपर्क कर बताया कि वह एक सप्ताह के लिये सिंगापुर सेमिनार में भाग लेने के बाद 21 मार्च को भारत आएगा। युवक ने बताया कि वह कुछ कूरियर से गिफ्ट भेज रहा हूँ। युवक ने उसके पास पार्सल टै्रक आईडी आदी उसको ऑनलाईन भेज दिया। इसके अलावा, शिकायतकर्ता को इनफो वाल ईमेल से मैसेज मिला।
जिसमें बताया गया कि आपका पार्सल छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, मुंबई पर होल्ड पर है। इसके बाद, उसने पार्सल लेने के लिये उसकी कस्टम क्लीयरेंस डयूटी फीस देनी शुरू कर दी। उसने चार लाख रुपये जमा करवा दिये थे। जब उसको शक हुआ तो उसने मामला दर्ज करवाया। एसीपी सुभाष वत्स की देखरेख में एसएचओ अजय दलाल के निर्देशन में एसआई सोहन लाल, एसआई परवीन नरवाल, महिला एसआई शिप्रा, हेड कांस्टेकल सुशील कुमार, अमन, मनोज, कांस्टेबल जनक गिल,नरेंद्र प्रदीप और महिला कांस्टेबल प्रीति को आरोपियों को पकडऩे का जिम्मा सौंपा गया। पुलिस टीम ने शिकायतकर्ता महिला से खातों में आदी में जमा करवाए गए पैसों की जानकारी और और व्हट्सएप पर हुई बातों व आरोपी की जीमेल आइडी आदी के बारे में जानकारी ली। जिसको खंगलाने के बाद संदिगध ठिकानों के बारे में पता कर रेकी की गई। उनके बारे में पुख्ता जानकारी लेने के बाद मकान नंबर 1001, टावर ए9, जेपी क्लासिक, नोएडा, उत्तर प्रदेश में छापेमारी कर दोनों आरोपियों ननकी इनोसेंट और दोराह मवांगेमी मम्बोगा उर्फ डेजी को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके पास से वारदात में इस्तेमाल सामान भी जब्त कर लिया। दोनों आरोपियों से पूछताछ करने पर पता चला कि आरोपी ननकी इनोसेंट साल 2020 में इलाज के लिए भारत आया था। इसके बाद वह दिल्ली/एनसीआर इलाके में रहने वाले नाइजीरियाई नागरिकों के एक समूह के साथ रहने लगा। आसान पैसा कमाने के लिए उसने भोले-भाले लोगों को ठगना शुरू कर दिया। वह वैवाहिक साइटों के साथ-साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक आदि से शिकार की तलाश करता था। इसके बाद, वह फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता था और उस व्यक्ति के साथ चैट करना शुरू कर देता था।
उसका विश्वास हासिल करने के बाद वह उसे महंगे तोहफे भेजने का झांसा देता था। उसके अन्य सहयोगी पीडि़तसे संपर्क करते थे। जो खुद को किसी कस्टम विभाग का अधिकारी बताया करते थे। वहीं कस्टम क्लीयरेंस के बहाने पैसे वसूलते थे। वे पीडि़तों का भरोसा जीतने के लिए उन्हें पार्सल आईडी भी भेजते थे। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि उनके सहयोगी खातों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए व्यवस्था करते थे और हमेशा दक्षिण दिल्ली के एटीएम से नकदी निकालते थे। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि वे नाइजीरिया में अपने बैंक खातों में तुरंत पैसे ट्रांसफर करते थे। पूछताछ में डेजी ने खुलासा किया कि वह साल 2016 में स्टडी वीजा पर भारत आई थी और इसी तरह से पुरुषों को टारगेट करती थी। पूछताछ से अब तक यह भी पता चला है कि दोनों आरोपी बिना किसी वैध दस्तावेज के भारत में रह रहे थे। इसलिए, उनके खिलाफ विदेशी अधिनियम की धाराएं भी लगाई गई हैं। पुलिस उनके बाकी साथियों को पकडऩे की कोशिश कर रही है। आरोपी ननकी अगलुरी, नाइजीरिया का रहने वाला है। वह इलाज के लिए भारत आया था और घोटाले में लिप्त था। उन्होंने नाइजीरिया से उच्च कक्षा की पढ़ाई की है। जबकि आरोपी दोराह मवांगेमी मम्बोगा उर्फ डेजी नैरोबी, केन्या की रहने वाली है।