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जयंत चौधरी का मिला समर्थन: बृजभूषण के खिलाफ जंतर-मंतर पर बैठे पहलवानों को
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर खिलाड़ियों का धरना पांचवें दिन भी जारी है। इसी कड़ी में धरने पर बैठे पहलवानों को अब राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी का भी साथ मिल गया है।
डर का माहौल बनाया गया – जयंत चौधरी
गुरुवार को जंतर मंतर पहुंचे जयंत ने कहा कि गंभीर और संवेदनशील आरोप है। डर का माहौल बनाया गया है। सरकार को तीन महीने पहले ही खिलाड़ियों की बात माननी चाहिए थी। अब इस मामले में तुरंत केस दर्ज होना चाहिए। इसके साथ ही हरियाणा से कई खाप पंचायत के सदस्य भी जंतर मंतर पर धरना दे रहे खिलाड़ियों का समर्थन करने पहुंचे हैं।
खिलाड़ियों के साथ न्याय होना चाहिए- नरेश टिकेत
इसी कड़ी में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकेत भी जंतर मंतर पर धरना दे रहे खिलाड़ियों का समर्थन करने पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के साथ न्याय होना चाहिए। यह बहुत शर्मनाक है कि देश के गौरव को न्याय के लिए धरने पर बैठना पड़ रहा है। बृजभूषण के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
गौरतलब है कि इससे पहले कल बुधवार को बिहार के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने धरनास्थल पर पहुंचकर खिलाड़ियों का समर्थन किया था। इस दौरान मलिक ने कहा था कि बहुत बुरी स्थिति है कि देश का सम्मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को न्याय के लिए अब सड़क पर बैठना पड़ रहा है। उन्होंने खिलाड़ियों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ केस दर्ज करना चाहिए।
खिलाड़ियों ने किया वर्कआउट
धरने पर बैठे खिलाड़ियों ने सुबह प्रदर्शन स्थल पर अभ्यास और प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया। इस दौरान खिलाड़ियों ने दौड़ लगाई और वर्कआउट किया। साथ ही अस्थाई अखाड़ा मानकर ट्रेनिंग की। पहलवानों ने करीब एक घंटे तक पसीना बहाया।
शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा विरोध
ओलंपियन पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं। यहां पर ट्रेनिंग भी कर रहे हैं। देश की जनता ने हमें देश के लिए पदक जीतने की जिम्मेदारी दी है और हमें इसे निभाना है। पुलिस ने अभी तक एफआइआर दर्ज नहीं की है तो पुलिस हमें विरोध करने या प्रशिक्षण देने से कैसे रोक सकती है। खाप पंचायतों के पदाधिकारियों भी धरना स्थल पर पहुंचे।