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वॉशिंगटन | जयशंकर ने कहा कि हमारे दूतावास पर स्मोक बम फेंके गए। हमारे वाणिज्य दूतों के सामने हिंसा की गई। लोगों को निशाना बनाया गया और उन्हें धमकी दी गई। कुछ लोगों के बारे में पोस्टर लगाए गए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और कनाडा की सरकार को एक-दूसरे से बात करनी होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि यह देखना होगा कि वे खालिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की मौत हो लेकर अपने मतभेदों को कैसे हल करते हैं। वॉशिंगटन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद, चरमपंथ और चुनावी हस्तक्षेप को अनुमति देने के सबसे बड़े मसले को हल करना होगा। भारत ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की संभावित संलिप्तता के कनाडा के आरोपों के संबंध में सूचना पर विचार करने के लिए तैयार है। कनाडा ने कुछ आरोप लगाए हैं। हमने उन्हें बताया है कि यह भारत सरकार की नीति नहीं है, लेकिन अगर वे कोई विशिष्ट सूचना तथा कुछ भी प्रासंगिक जानकारी हमारे साथ साझा करने के लिए तैयार हैं, तो हम भी उस पर विचार करने के लिए तैयार हैं।
कनाडा ने नहीं दिया जवाब
जयशंकर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से भारत के कनाडा और उसकी सरकार के साथ कुछ मतभेद चल रहे हैं। समस्या आतंकवाद, चरमपंथ तथा चुनावों में हस्तक्षेप के संबंध में अनुमति देने के इर्दगिर्द केंद्रित है। प्रत्यर्पण के कुछ महत्वपूर्ण अनुरोधों पर उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया। वहां कुछ ऐसे लोग तथा संगठन हैं, जो भारत में साफ तौर पर हिंसा और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हैं और उन्होंने खुद भी यह बात मानी है। यह कोई छिपी बात नहीं है और चरमपंथी कनाडा में अपनी गतिविधियां जारी रखे हुए हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि एक समस्या यह वहां कई समस्याएं हैं। इसलिए मुझे लगता है कि किसी एक घटना के मामले में संबंधित सरकारों को एक-दूसरे से बात करनी होगी।
हमारे राजनयिक कनाडा में सुरक्षित नहीं
कनाडा में हुई हिंसक प्रदर्शनों पर बात करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और कनाडा के बीच चल रहे कूटनीतिक विवाद के बारे में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन से चर्चा की। सबसे जरूरी बात यह है कि कनाडा में हमारे राजनयिक मिशन और हमारे दूतावास कर्मियों को इस हद तक लगातार धमकाया गया है कि आज उनके लिए वहां काम करना सुरक्षित नहीं है। जाहिर है कि हमें अपनी वीजा सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित करनी पड़ीं, जो करना हमें पसंद नहीं है। उन्होंने हमारे लिए उन सेवाओं का संचालन करना बहुत मुश्किल बना दिया है।
कनाडा में जो हो रहा है सामान्य नहीं
जयशंकर ने कहा कि हमारे दूतावास पर स्मोक बम फेंके गए। हमारे वाणिज्य दूतों के सामने हिंसा की गई। लोगों को निशाना बनाया गया और उन्हें धमकी दी गई। कुछ लोगों के बारे में पोस्टर लगाए गए। मुझे बताएं कि क्या आप इसे सामान्य मानते हैं? अगर यह किसी और देश में हुआ होता, तो वे इस पर कैसी प्रतिक्रिया देते? मुझे लगता है कि यह सवाल पूछा जाना चाहिए। कनाडा में जो हुआ, उसे सामान्य न समझें।
कनाडा में जो हो रहा है, क्या वह कहीं और भी हुआ है, आपको लगता है कि दुनिया इस पर संयम बरतेगी?' यह पूछने पर कि क्या इस मुद्दे को हल करने के लिए भारत और कनाडा के बीच गतिरोध है, जयशंकर ने कहा, मुझे नहीं पता कि मैं गतिरोध शब्द का इस्तेमाल करूंगा या नहीं। भारत का मुद्दा यह है कि आज हिंसा और धमकी का माहौल है।
विवाद को हल कर लेंगे कनाडा-भारत: ब्लिंकन
जयशंकर की प्रेसवार्ता से पहले अमेरिकी विदेशी मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि कनाडा और भारत इस मुद्दे को हल कर लेंगे। हम कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर बहुत चिंतित हैं। हम इसे लेकर कनाडा के बहुत करीबी संपर्क में हैं। साथ ही हमने भारत सरकार से बात की है और उनसे जांच में कनाडा का सहयोग करने का अनुरोध किया है। मुझे विदेश मंत्री जयशंकर के साथ हुई बैठक में फिर से ऐसा करने का मौका मिला था। उन्होंने कहा, जो भी दोषी हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाए और हम उम्मीद करते हैं कि कनाडा तथा भारत में हमारे मित्र इस मामले को हल करने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे।
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Harrison
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