दिल्ली-एनसीआर

जहांगीरपुरी हिंसा: पेशे से कबाड़ का काम करने वाला मोहम्मद अंसार कई बार जा चूका हैं जेल

Admin Delhi 1
19 April 2022 7:07 AM GMT
जहांगीरपुरी हिंसा: पेशे से कबाड़ का काम करने वाला मोहम्मद अंसार कई बार जा चूका हैं जेल
x

दिल्ली न्यूज़: जहांगीरपुरी हिंसा का मुख्य मास्टरमाइंड मोहम्मद अंसार पेशे से कबाड़ का काम करता है। उसकी पत्नी- सकीना, 3 बेटियां, दो बेटे हैं। इसका बी ब्लॉक में पांच मंजिला एक मकान है। इसके अलावा अंसार का इलाके में काफी रसूख है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक अंसार पर मारपीट के 2 मामले दर्ज हैं, वहीं उस पर गैंबलिंग एक्ट में 5 बार केस दर्ज किया गया है। उसे एक से ज्यादा बार गिरफ्तार भी किया जा चुका है। अंसार 2009 और 2018 में जेल जा चुका है। अंसार के परिजनों की मानें तो बी ब्लॉक में वह परिवार सहित पिछले 12 साल से रह रहा है। इसके पहले वह सी ब्लॉक में रहता करता था। 16 अप्रैल की शाम के बारे में अंसार की पत्नी सकीना ने बताया कि शाम करीब 6 बज रहे थे। हमारा रोजा खोलने का वक्त हो रहा था और हम सब इफ्तारी की तैयारी में लगे थे। अंसार भी घर में ही था। अचानक खबर आई कि मस्जिद के पास कुछ कहासुनी हो गई है। अंसार की मोहल्ले में अच्छी पैठ है, इसलिए वो खुद झगड़ा निपटाने के लिए चला गया। थोड़ी देर बाद पता चला कि काफी बवाल हो गया है। सकीना की बेटी मोइना ने बताया कि 'परसों (16 अप्रैल) रात को पुलिस आई और पापा को बात करने के लिए बुलाया। पापा ने कहा कि कुछ देर में बात करके आता हूं। जब से पुलिस के साथ पापा गए हैं, वो लौटकर घर नहीं आए। सकीना का कहना है कि हम जिस मोहल्ले में रहते हैं, वहां हिंदू ज्यादा रहते हैं और मुसलमान कम। आप किसी भी हिंदू के घर जाकर मेरे पति के बारे में पूछ लो, सब उनकी तारीफ ही करते हैं।


अंसार के पड़ोसी भी अंसार की तारीफ ही करते मिले। पड़ोसी रजनी का मुंहबोला भाई था अंसार। वो बताती हैं, 'जिस वक्त हिंसा शुरू हुई तब मैं अपने घर के सामने वाले मंदिर में हनुमान जयंती के दिन भजन गा रही थी। तभी अंसार अचानक भागते हुए सड़क की तरफ जाने लगा, पीछे उसकी पत्नी भाग रही थी। बाद में पता चला कि बहुत ज्यादा लड़ाई हो गई। रजनी बताती हैं कि इस गली में ज्यादातर लोग हिंदू रहते हैं, सिर्फ तीन चार घर ही मुसलमानों के हैं। रजनी बताती हैं कि अंसार भाई कभी लड़ाई झगड़े में शामिल नहीं रहे। अगर किसी की बहस हो जाती थी तो अंसार भाई छुड़ाने के लिए आते थे।

उसे कभी किसी के साथ झगड़ते नहीं देखाः पड़ोसी

अंसार की सास अकलीमा ने बताया कि मेरा दामाद मोबाइल का काम करता था। पेट पालने के लिए जो भी काम मिलता था, वो करता था। अकलीमा कहती हैं कि अंसार पास के देवी मंदिर के लिए चंदा भी दिया करता था। देवी मंदिर की सुरक्षा के लिए अंसार ने ही सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे। कोविड लॉकडाउन के दौरान अंसार ने लोगों के घर में राशन भी पहुंचाया और लोगों की मदद की थी।

Next Story