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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अंतरराज्यीय हथियार तस्कर गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने हथियार फैक्ट्री के मालिक सहित 4 तस्करो को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने उनके कब्जे से 7 पिस्तौल और 27 कारतूस और हथियार बनाने का सामान भी बरामद किया है। आरोपियों की पहचान अवैध हथियार निर्माता राजीव ओझा उर्फ़ टाटा, लक्ष्मी नारायण उर्फ़ बाबा, जनक सिंह और रशीद के रूप में हुई है।
क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर रविंद्र यादव ने बताया कि क्राइम ब्रांच की टीम ने दिल्ली के जहांगीरपुरी में जाल बिछाया और यूपी के इटावा निवासी जनक सिंह को गिरफ्तार किया। वह करावल नगर का रहने वाला है। पुलिस ने उसके कब्जे से 4 सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल और 16 जिंदा कारतूस बरामद किए गए।
पुलिस ने बताया कि वह पेशे से एक ट्रक ड्राइवर है और उसने मध्य प्रदेश से दिल्ली और हल्द्वानी, उत्तराखंड में अवैध हथियारों की आपूर्ति शुरू की। उसे 2021 में अवैध आपूर्ति के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। आरोपी ने खुलासा किया कि वह पिछले 3 वर्षों में दिल्ली एनसीआर में 60-70 से अधिक अवैध पिस्तौल की आपूर्ति कर चुका है।
आरोपी जनक सिंह से पूछताछ के बाद हथियारों को एक लक्ष्मी नारायण उर्फ़ कल्लू बाबा निवासी भिंड से प्राप्त करता था। पुलिस ने जनक की निशानदेही पर पुलिस टीम ने लक्ष्मी नारायण उर्फ कल्लू बाबा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को उसके पास से 2 पिस्तौलें बरामद की गई। लक्ष्मी नारायण उर्फ कल्लू बाबा से पूछताछ में बताया कि उसने ये अवैध हथियार राजीव ओझा उर्फ टाटा निवासी भिंड से खरीदे थे। इसके बाद पुलिस टीम ने राजीव ओझा उर्फ टाटा को गिरफ्तार किया और उसके पास से 1 और अवैध आग्नेयास्त्र बरामद किए गए।
राजीव ओझा उर्फ टाटा आग्नेयास्त्रों की अवैध निर्माण इकाई चला रहा हैं। मध्य प्रदेश के भिंड से निर्माण के लिए इस्तेमाल होने वाले औजार भी जब्त किए गए हैं। आरोपी जनक सिंह ने खुलासा किया कि वह मोहम्मद रशीद निवासी जाफराबाद को अवैध आग्नेयास्त्रों की आपूर्ति करता था। वह इन हथियारों को दिल्ली एनसीआर में अपराधियों को बेचता है। टीम ने इनपुट को आगे विकसित किया और तकनीकी निगरानी पर जाल बिछाकर मौ. राशिद को जाफराबाद से गिरफ्तार किया गया था।
आरोपी ने खुलासा किया कि वह ट्रांस यमुना, दिल्ली के वाहिद और अन्य स्थानीय अपराधियों को अवैध आग्नेयास्त्रों की आपूर्ति करता था। टीम ने वाहिद और सद्दाम के बारे में जानकारी विकसित की और पता लगा कि एक कुख्यात अपराधी वाहिद 3 साल पहले ही आंतरिक प्रतिद्वंद्विता में मारा गया था, जबकि गोहत्या और आर्म्स एक्ट के मामलों में शामिल एक अन्य अपराधी फरार है। पुलिस अब फरार आरोपितों को पकड़ने में जुट गई है और आगे की कार्यवाई शुरू कर दी है।
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