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दिल्ली के अस्पतालों को डेंगू मरीजों के लिए बेड आरक्षित करने के निर्देश
दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में वेक्टर जनित बीमारियों डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया से बचाव व रोकथाम को लेकर बैठक की और इस दौरान डेंगू को लेकर हेल्पलाइन 1031 जारी करने के साथ ही कई अहम निर्णय लिए गए। सीएम ने सभी अस्पतालों को डेंगू मरीजों के लिए अलग से बेड्स रिजर्व करने का आदेश दिया है। जल्द ही एक कंट्रोल रूम भी चालू हो जाएगा, जो 24 घंटे काम करेगा। केजरीवाल ने कहा कि डेंगू से निपटने के लिए अस्पताल और चिकित्सा सुविधाएं पूरी तरह से तैयार हैं। सीएम ने दिल्लीवालों से अपील करते हुए कहा कि आइए मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए ठोस उपाय करें। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री और एमसीडी की मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय के साथ स्वास्थ्य विभाग, एमसीडी, एनडीएमसी, दिल्ली कैंट, दिल्ली जल बोर्ड व सिंचाई विभाग समेत अन्य विभागों के अफसर मौजूद थे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस बार दिल्ली में मच्छर जनित बीमारियों के चल रहे ट्रेंड की जिनोम सिक्वेंसिंग कराई है। इसमें पाया गया है कि 20 सैंपल में से 19 सैंपल टाइप टू डेंगू के हैं। टाइप टू डेंगू में खतरा ज्यादा रहता है। चूंकि ज्यादातर केस टाइप टू के निकले हैं, इसलिए ये कहा जा सकता है कि दिल्ली में दो स्टेन नहीं है, बल्कि एक ही स्टेन है, जो फैला हुआ है।
बच्चे फूल शर्ट-पैंट में ही स्कूल आएं
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा दिए गए आदेश का पूरी तरह से पालन होते नहीं देखा जा रहा है। बहुत सारे बच्चे हाफ शर्ट पहन कर स्कूल जा रहे हैं। इसका मतलब ये है कि अभी तक स्कूलों से यह निर्देश सख्ती से पालन नहीं कराया जा रहा है। सीएम केजरीवाल ने शिक्षा निदेशक को आदेश का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया है, ताकि सभी बच्चे फूल शर्ट-पैंट में ही स्कूल आएं। उन्होंने बताया कि सभी स्कूली बच्चों को डेंगू पर होम वर्क दिया जाएगा। बच्चों को डेंगू की रिपोर्ट कार्ड दी जाएगी और कहा जाएगा कि बच्चे अपने घर में एक सप्ताह तक नियमित चेक करें कि कहीं पानी जमा तो नहीं हो रहा है। उस रिपोर्ट कार्ड को भर कर अगले सप्ताह स्कूल में जमा करेंगे। इसके बाद बच्चों द्वारा जमा की गई रिपोर्ट के आधार पर स्कूल के शिक्षक उसके घर जाकर जांच करेंगे। इसके बाद बच्चों को अगले सप्ताह फिर रिपोर्ट कार्ड दिया जाएगा और घर में जमा पानी चेक करने के लिए कहा जाएगा। यह रिपोर्ट कार्ड दिल्ली सरकार, एमसीडी और प्राइवेट स्कूलों के सभी बच्चों को देना अनिवार्य किया गया है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को इसे सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया है।
सरकार ने दिए आदेश
-सरकार ने चालान का शुल्क बढ़ा दिया है।
-अगर किसी के घर में मच्छर पनपते हुए पाए गए तो एक हजार रुपए का चालान किया जाएगा।
-अगर किसी कमर्शियल स्थान पर मच्छर पाए जाते हैं तो उस पर 5 हजार रुपए का चालान किया जाएगा।
- सभी अस्पतालों को डेंगू मरीजों के लिए अलग से बेड्स रिजर्व करने को कहा।
-अस्पतालों, डिस्पेंसरी व मोहल्ला क्लीनिक में डेंगू की दवाई उपलब्ध होनी चाहिए।
-सभी केमिस्ट और अस्पतालों को एडवाइजरी दी गई है कि बुखार में एस्प्रिन, डिस्प्रिन और इबोप्रोफेन जैसी दवाइयां न दी जाएं, क्योंकि इससे खून पतला होता है और इससे डेंगू और अधिक नुकसान पहुंचाता है।
-बुखार आने पर खुद से लोग दवाई न लें।
-अगर बुखार है तो डॉक्टर की सलाह से ही दवाई लें और पैरासेटामाल ही लें।
-खुद से अपना उपचार न करें, यह हानिकारक हो सकता है।
-अस्पतालों को जीरो टालरेंस जोन घोषित किया गया है, ताकि वहां पर किसी प्रकार से मच्छर न पनप पाएं।
-एमसीडी को कहा गया कि एक-एक घर में जाकर जांच करें कि वहां मच्छर पनप तो नहीं रहे हैं।
-अगर कहीं पर मच्छर पनप रहे हैं तो उसका चालान करें।
-सरकार दिल्ली में काम कर रहीं 3 हजार आशा वर्कर्स की भी मदद लेगी।
-आशा वर्कर्स को अपने इलाके में मच्छर जनित बीमारियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
-सभी विभागों को निर्देश दिया गया है कि विभाग के अंदर किसी भी तरह मच्छरों का प्रजनन न हो।