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Indian Army ने शुरू की गोला-बारूद की RFID टैगिंग, पहली खेप रवाना
Renuka Sahu
10 Feb 2022 3:18 AM GMT
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फाइल फोटो
सेना ने एक बयान में कहा कि आरएफआईडी टैगिंग से गोला-बारूद के प्रबंधन में बदलाव आएगा और इसके प्रबंधन और ट्रैकिंग में आसानी होगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सेना ने एक बयान में कहा कि आरएफआईडी टैगिंग से गोला-बारूद के प्रबंधन में बदलाव आएगा और इसके प्रबंधन और ट्रैकिंग में आसानी होगी। सेना का यह प्रयास गोला-बारूद का भंडारण करने के साथ ही सैनिकों की ओर से किए जाने वाले उपयोग को सुरक्षित बनाएगा जिससे फील्ड आर्मी को भी अधिक संतुष्टि मिलेगी। सेना ने कहा कि इस परियोजना के कार्यान्वयन से गोला-बारूद डिपो की तकनीकी गतिविधियों में मजबूती आने के साथ ही इन्वेंट्री ले जाने की लागत में कमी आएगी।
सेना के मुताबिक गोला-बारूद की आरएफआईडी टैगिंग को भारतीय सेना के आयुध सेवा निदेशालय के पुणे में स्थित मुनिशन्स इंडिया लिमिटेड के सहयोग से संचालित किया गया है। यह आयुध निर्माणी बोर्ड के बाद बनाई गई नव-निर्मित इकाई है। सेना का यह भी कहना है कि आरएफआईडी टैगिंग वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वैश्विक मानक संगठन जीएस-1 इंडिया के परामर्श से वैश्विक मानकों के अनुरूप है। आयुध सेवा निदेशालय का कम्प्यूटरीकृत इन्वेंट्री कंट्रोल ग्रुप (सीआईसीजी) एंटरप्राइज रिसोर्स एप्लिकेशन के जरिए आरएफआईडी ट्रैकिंग के लिए उपयोग करेगा।
आरएफआईडी टैग गोला-बारूद की पहली खेप को आयुध सेवा के महानिदेशक ने हरी झंडी दिखाई। पहली खेप में 5.56 मिमी गोला-बारूद के तीन लॉट शामिल हैं। यह खेप एम्युनिशन फैक्ट्री खड़की (पुणे) से सेंट्रल एम्युनिशन (सीएडी) पुलगांव भेजी गई है।
Renuka Sahu
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