- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- भारतीय वायु सेना को...
दिल्ली-एनसीआर
भारतीय वायु सेना को स्पेन में मिला पहला 'सी-295' ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट
Rani Sahu
13 Sep 2023 3:21 PM GMT
x
नई दिल्ली (आईएएनएस)। भारतीय वायु सेना को अपना पहला सी-295 सैन्य सामरिक ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट मिल गया है। स्पेन में बुधवार को यह विमान वायुसेना के सुपुर्द किया गया। स्पेन में इस विमान की डिलीवरी स्वयं भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने ली।
सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ कुल 56 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए करीब 21,935 करोड़ रुपए की डील की है।
वायु सेना के मुताबिक यह विमान स्पेन के सेविले प्लांट में बनाया गया है। यहीं बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान वायु सेना प्रमुख को इस ट्रांसपोर्ट विमान की डिलीवरी दी गई। सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट इसी महीने 25 सितंबर को भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा।
गाजियाबाद स्थित वायु सेना के हिंडन एयरबेस पर इस एयरक्राफ्ट को आधिकारिक तौर पर वायुसेना में शामिल किया जाएगा। सी-295 विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। यह विमान भारतीय वायुसेना में बीते छह दशक पहले सेवा में आए थे।
सी-295 विमान का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह विमान ऐसे स्थान पर भी पहुंच सकता है, जहां भारी ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता।
जानकारी के मुताबिक पहले सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की तैनाती आगरा एयरबेस में होगी। यहां इस विमान के पायलटों के लिए एक विशेष ट्रेनिंग सेंटर भी तैयार किया जा रहा है। वायु सेना के मुताबिक यह ट्रेंनिंग सेंटर अगले वर्ष तक बनकर तैयार हो जाएगा।
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ की गई डील 56 विमानों के लिए है। इनमें से 16 का निर्माण स्पेन में हो रहा है जबकि शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे। टाटा एडवांस सिस्टम 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी।
फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। भारत में पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में बनकर तैयार होगा। फाइनल असेम्बलिंग के लिए एयरबस और टाटा के हैदराबाद व नागपुर प्लांट में 14,000 से ज्यादा स्वदेशी पार्ट्स तैयार कर वडोदरा भेजे जाएंगे।
रक्षा सूत्रों का कहना है कि वायुसेना के अलावा नौसेना और कोस्ट गार्ड भी 15-16 प्लेन खरीद सकती हैं। फिलहाल इस पर बातचीत चल रही है। ये एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं।
विशेषज्ञों मुताबिक यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है।
एयरक्राफ्ट अपने साथ 7,050 किलोग्राम वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान लगातार 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
Next Story