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भारत और इस्राइल के राजनयिक संबंधों के 30 साल पूरे, अप्रैल की शुरुआत में भारत दौरे पर आएंगे प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट

Renuka Sahu
20 March 2022 1:40 AM GMT
भारत और इस्राइल के राजनयिक संबंधों के 30 साल पूरे, अप्रैल की शुरुआत में भारत दौरे पर आएंगे प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट
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फाइल फोटो 

भारत-इस्राइल राजनयिक संबंधों की स्थापना के 30 साल पूरे हो चुके हैं। दोनों देशों के संबंधों की स्थापना के 30वीं वर्षगांठ के मौके पर इस्राइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर अप्रैल महीने की शुरुआत में भारत के दौरे पर आएंगे।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत-इस्राइल राजनयिक संबंधों की स्थापना के 30 साल पूरे हो चुके हैं। दोनों देशों के संबंधों की स्थापना के 30वीं वर्षगांठ के मौके पर इस्राइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर अप्रैल महीने की शुरुआत में भारत के दौरे पर आएंगे। इस्राइल के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार नफ्ताली बेनेट दो अप्रैल, 2022 को भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा करेंगे।

दोनों नेताओं के बीच पहली मुलाकात पिछले साल अक्तूबर में ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कॉप26) के मौके पर हुई थी।उस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री बेनेट को भारत की आधिकारिक यात्रा करने के लिए आमंत्रित किया था। यह यात्रा दोनों देशों और नेताओं के बीच महत्वपूर्ण संबंधों की पुष्टि करेगी।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रणनीतिक गठबंधन को आगे बढ़ाना और मजबूत करना और द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार करना है। इसके अलावा दोनों नेता नवाचार, अर्थव्यवस्था, अनुसंधान और विकास, कृषि समेत अन्य विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा करेंगे।
अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री बेनेट भारतीय प्रधानमंत्री मोदी और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ मिलेंगे। साथ ही देश में यहूदी समुदाय के लोगों से भी मिलेंगे।
प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने कहा, "मुझे अपने मित्र, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा करने को लेकर प्रसन्नता हो रही है। हम दोनों देशों के संबंधों की मजबूती के लिए आगे बढ़ते रहेंगे। पीएम मोदी ने भारत और इस्राइल के बीच संबंधों को फिर से शुरू किया, और इसका एक ऐतिहासिक महत्व है। हमारी दो अनूठी संस्कृतियों - भारतीय संस्कृति और यहूदी संस्कृति - के बीच संबंध गहरे हैं, और हम इसकी सराहना और सार्थक सहयोग पर भरोसा करते हैं। ऐसी कई चीजें हैं जो हम भारतीयों से सीख सकते हैं, और यही हम करने का प्रयास करते हैं। हम एक साथ मिलकर नवाचार और प्रौद्योगिकी, सुरक्षा और साइबर से लेकर कृषि और जलवायु परिवर्तन समेत अन्य क्षेत्रों में अपने सहयोग का विस्तार करेंगे।"
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